जिला कुल्लू के देवेश ठाकुर ने मार्शल आर्ट खेल जी-जुत्सू के अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी के राष्ट्रीय स्तर की एक और प्रतियोगिता में एक स्वर्ण औऱ एक कांस्य पदक जीत कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। उन्होंने दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय स्तर की ग्रैपलिंग एंड सबमिशन प्रतियोगिता में ये पदक जीते हैं। इस प्रतियोगिता का आयोजन अबू धाबी काम्बेट क्लब ने किया। देवेश ठाकुर ने प्रो-एबसोल्यूट डिवीजन में कांस्य पदक जीता, जबकि प्रो-88 किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण पदक झटक लिया।
जी-जुत्सू में ब्ल्यू बैल्ट धारक देवेश ठाकुर मूल रूप से कुल्लू जिले की लगघाटी के निवासी हैं और बेंगलूरू में जी-जुत्सू का प्रशिक्षण ले रहे हैं। वह अन्य युवाओं को भी प्रशिक्षित कर रहे हैं। पिछले साल भी उन्होंने राष्ट्रीय स्तर के टूर्नामेंट बेंगलूर ओपन में जी-जुत्सू के अलग-अलग वर्गों में चार स्वर्ण पदक जीते थे। देवेश के माता-पिता कुल्लू शहर के निकट बदाह में रहते हैं। पिता डॉ बलदेव ठाकुर जाने-माने ऑरथो सर्जन हैं और हिमाचल प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के निदेशक पद से सेवानिवृत्त हुए हैं, जबकि माता शशि ठाकुर भी सेवानिवृत्त एचएएस अधिकारी हैं। देवेश के दादा स्वर्गीय मौलू राम ठाकुर भाषा, कला और संस्कृति विभाग के उपनिदेशक और हिमाचल प्रदेश के जाने-माने लोक साहित्यकार थे।
देवेश ठाकुर आईआईटी का दर्जा प्राप्त बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टैक्नोलॉजी पिलानी से इंजीनियरिंग डिग्रीधारक हैं। वह बचपन से ही फिजिकल फिटनेस को लेकर बहुत ही सजग रहे हैं और खेलों में भाग बढ़-चढ़कर भाग लेते रहे हैं। बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टैक्नोलॉजी जैसे प्रतिष्ठित संस्थान से इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त करने के बाद उन्हें एक बहुत बड़े पैकेज पर प्लेसमेंट मिली, लेकिन उन्होंने कॉरपोरेट सैक्टर के बजाय जी-जुत्सू को चुना और उसमें अलग पहचान बनाई।