विश्व विख्यात शक्तिपीठ नैना देवी मंदिर में सजावट के लिए प्रयोग में किया गए प्लास्टिक के फूलों को प्रशासन ने हटाने के आदेश दिए हैं। हालांकि मंदिर की सजावट का काम करनाल के श्रद्धालुओं द्वारा बखूबी किया गया लेकिन इसमें सजावट में ओरिजिनल फूलों के साथ कुछ प्लास्टिक के फूल भी प्रयोग किए गए। जो कि दूर से देखने पर ओरिजिनल फूलों की तरह दिखाई दे रहे थे
जब मेला अधिकारी सुभाष गौतम ने बीती रात मंदिर का दौरा किया और व्यवस्थाओं का जायजा लिया तो उन्होंने देखा कि मंदिर की सजावट में प्लास्टिक के फूलों का प्रयोग किया गया है। उन्होंने सजावट का काम करना वालों से आग्रह किया कि वह प्लास्टिक के फूलों को मंदिर से हटाकर उनकी जगह भी ओरिजिनल फूल लगाएं क्योंकि हिमाचल प्रदेश में प्लास्टिक पूरी तरह से बैन है। ऐसे में मंदिर में प्लास्टिक के फूलों का प्रयोग नहीं किया जा सकता। हरियाणा की करनाल की समाजसेवी संस्था ने प्लास्टिक फूलों को हटाना शुरू कर दिया है और उनकी जगह पर अब ताजा ओरिजिनल ताज़ा फूल लगाए जाएंगे।
श्रद्धालुओं ने प्रशासन के इस कदम की सराहना की है। श्रद्धालुओं का कहना है कि मंदिर की सजावट में असली फूल ही प्रयोग होने चाहिए ताकि प्लास्टिक का प्रयोग बंद हो सके। प्रशासन ने जो फैसला लिया है बिल्कुल सही है और मंदिर की सजावट ताजा और असली फूलों से की जाएगी।