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धर्मशाला और सुंदरनगर ‘नगर वन’ के रूप में होंगे विकसित, इको पार्क और वनीकरण के लिए मिलेगी 2-2 करोड़ की ग्रांट

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धर्मशाला औऱ सुंदरनगर शहर नगर वन योजना में शामिल होंगे। वन मंत्री राकेश पठानिया ने केंद्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावेडकर की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद इसकी जानकारी दी। इसके तहत केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से दो करोड़ की ग्रांट भी मिलेगी। योजना के तहत चयनित नगर निकायों में इको पार्क, नव ग्रह वाटिकाएं और वन विकसित किए जाएंगे। इस वीडियो कांफ्रेसिंग में तीस राज्यों के वन मंत्रियों ने अपने अपने राज्य की वनीकरण गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की।

राकेश पठानिया ने कहा कि बच्चों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए स्कूल नर्सरी कार्यक्रम भी शुरू किया जा रहा है। इसमें स्कूल में ही बच्चों द्वारा पौधों की नर्सरी तैयार की जाएगी इसके पश्चात नर्सरी में तैयार पौधों को बच्चे अपने-अपने घरों के आसपास रोपित करेंगे और इन पौधों का संरक्षण भी करेंगे। राज्य में विद्यार्थी वन मित्र योजना भी शुरू की गई है जिसके तहत राज्य के 374 स्कूलों के बच्चों द्वारा 2900 हेक्टेयर भूमि पर पौधरोपण किया गया है और इन पौधों की देखभाल भी की जा रही है।  

उन्होंने कहा कि राज्य के हर गांव में चरणबद्व तरीके से नवग्रह वाटिकाएं भी विकसित की जा रही हैं और अब तक तीन हजार हेक्टयेर भूमि पर एक करोड़ पौधे रोपित किए जा चुके हैं ताकि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में आम जनसहभागिता सुनिश्चित की जा सके। राज्य में अब तक फोरेस्ट कवर 27.2 प्रतिशत है जिसे बढ़ाकर तीस प्रतिशत करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है इसके लिए वन विभाग विभिन्न स्तरों पर पौधारोपण और वनों के सरंक्षण के लिए विभिन्न गतिविधियां चला रहा है।

वन मंत्री ने कहा कि लेडर तकनीक से मिट्टी की नमी की जांच के लिए भी प्रोजेक्ट तैयार किया गया है जिसे स्वीकृति के लिए भारत सरकार को भेजा गया है इसके साथ ही हिमाचल की सतलुज, ब्यास और यमुना नदी के किनारे वनीकरण गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए भी प्रोजेक्ट तैयार किया गया है।