दिशा की बैठक केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर की अध्यक्षता में शुरू हुई। बैठक में कांगड़ा चंबा संसदीय क्षेत्र के सांसद किशन कपूर ने सबसे पहले 12 साल से अधर में लटके केंद्रीय विश्वविद्यालय का मुद्दा उठाया। बैठक में वर्चुअली जुड़े सांसद किशन कपूर ने कहा कि जदरांगल में केंद्रीय विश्वविद्याल का शिलान्यास हुए सवा दो साल हो गए हैं पर अधिकारियों से यही सुन रहे हैं कि अभी कर रहे हैं। अधिकारी यह बताएं कि कितना समय व वर्ष और लगेंगे, इस काम को पूरा होने के लिए।
जवाब में डीएफओ धर्मशाला संजीव कुमार ने बताया की केंद्रीय विवि की भूमि ट्रांसफर की फाइल रिपोर्ट उन्होंने दिल्ली भेज दी है। अब दिल्ली से ही यह फाइल क्लियर होकर आएगी और एमआरयूएफ से इजाजत लेनी होगी। उन्होंने कहा बजट भी माननीय मंत्री अनुराग ठाकुर के सहयोग से 240 करोड़ रुपये उपलब्ध हो गया है। 512 करोड़ रुपये स्वीकृत हो चुके हैं।
वहीं, दिशा की बैठक में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा देहरा विधानसभा के हरिपुर में सीएचसी निर्माण को लेकर पूरे तथ्य न रखने पर लताड़ लगाते हुए कहा कि यह मेरी बैठक है और यहां पिछली बैठक के एजेंडों पर पहले चर्चा होगी उसके बाद अगले एजेंड पर चर्चा की जाएगी। अधिकारी बैठक में पूरे तथ्य के साथ बात करें। उन्होंने अधिकारियों का आदेश दिए कि 2 घंटे के भीतर पूरे फैक्ट एंड फिगर्स के साथ जानकारी मुहैया करवाई जाए।
बैठक के दौरान नगरोटा बगवां विधायक के पठियार और सेराथाना पीएचसी के एक-एक कमरे में मौजूदा समय में चले होने और इस मामले में मुख्यमंत्री कार्यालय को पत्र लिखे जाने के बाद भी कोई कार्रवाई न होने पर भी संज्ञान लिया। इसके अलावा नगरोटा बगवां और बड़ोह अस्पताल के मामले में भी स्थिति स्पष्ट किए जाने की मांग उठाई गई। जिस पर अनुराग ने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री कार्यालय से बड़ा कोई कार्यालय नहीं है और मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी दिशा-निर्देशों का ही पालन न होना चिंता का विषय है।
3 माह के भीतर हो हर क्षेत्र में बिजली
समीक्षा बैठक के दौरान फतेहपुर क्षेत्र में लो वोल्टेज के मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बिजली बोर्ड कर्मचारियों को निर्देश दिए कि नए चुने प्रधानों की मदद से 20 दिनों के भीतर क्षेत्र चिन्हित किए जाएं और 3 माह में इस समस्या का समाधान किया जाए।
वन भूमि में है 277 स्कूल
प्राम्भिक शिक्षा विभाग के अधिकारी ने बैठक में जानकारी देते हुए बताया कि जिला में कुल 1655 स्कूलों में से 277 विद्यालय वन भूमि में है। वहीं 226 स्कूल डीसी लैंड में है। केंद्रीय वित्त मंत्री ने जब सरकारी स्कूलों में बच्चों की कम संख्या पर चिंता जाहिर की तो उक्त अधिकारी ने स्टाफ की कमी का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्कूलों की संख्या बढ़ गई है जबकि मैनपॉवर हर साल घट रहा है। इस पर केंद्रीय मंत्री ने सुझाव दिया कि बैठक में मौजूद विधायक विधानसभा में इस मुद्दे को उठाएं ताकि इसके लिए एक स्थाई नीति बन सके।