जोनल अस्पताल धर्मशाला में शनिवार को कोरोना संक्रमित महिला की मौत पर परिजनों ने अस्पताल स्टाफ पर लापरवाही के आरोप लगाते हुए हंगामा किया। परिजनों ने आरोप लगाया कि महिला को सांस लेने की दिक्कत थी और वह उपचार के लिए धर्मशाला के आपाकालीन वार्ड में लाए थे, लेकिन अस्पताल के स्टाफ ने महिला का उचित उपचार शुरु नहीं किया जिससे कि महिला की मृत्यु हो गई। वहीं, अस्पताल में हुए हंगामे के बाद अस्पताल प्रबंधन ने भी मामले को लेकर जांच शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार शनिवार को धर्मशाला के समीपवर्ती क्षेत्र दाडऩू से 50 वर्षीय महिला को परिजन अस्पताल लेकर सुबह लगभग 11.30 बजे पहुंचे थे। परिजनों का कहना था कि महिला को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी, जिसके चलते उन्होंने अस्पताल स्टाफ से महिला को ऑक्सीजन देने की बात कही। परिजनों ने आरोप लगाया कि उनके बार-बार आग्रह के बाद भी महिला को ऑक्सीजन नहीं दी गई। लेकिन बाद में करीब एक-डेढ़ घंटे के बाद महिला को आपातकालीन वार्ड में ले जाया गया तो वहां पर उसको चिकित्सकों ने मृत्त घोषित कर दिया। इतना ही नहीं इस दौरान चिकित्सकों ने बताया कि महिला कोरोना पॉजिटिव है।
परिजनों का आरोप है कि महिला को समय पर ऑक्सीजन दे दी जाती तो उसकी मृत्यु नहीं होती। वहीं, महिला की मृत्यु के बाद परिजन उसके शव को अस्पताल से ले गए। इस दौरान परिजनों की स्टाफ तथा सिक्योरिटी कर्मियों के साथ काफी बहसबाजी होती रही।
उधर, जोनल अस्पताल धर्मशाला की वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डा. दीपाली शर्मा ने बताया कि महिला को जब अस्पताल लाया गया था तो उसका रैपिड एंटीजन टेस्ट किया गया जिसमें वह कोरोना पॉजिटिव पाई गई थी। मृत्तका के परिजनों के लापरवाही के लगाए गए आरोप निराधार हैं। महिला को प्रोटोकॉल के तहत उपचार दिया गया लेकिन उसकी 1 बजे के करीब मृत्यु हो गई। परिजनों के आरोपों पर मामले की जांच आरंभ कर दी गई है। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके तहत मामले में आगामी कार्यवाही की जाएगी।