धर्मशाला में जेबीटी प्रशिक्षुओं ने बीएड धारकों को जेबीटी भर्ती के लिए पात्र किए जाने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। मंगलवार को भारी संख्या में जेबीटी प्रशिक्षुओं ने कक्षाओं का बहिष्कार किया और पुलिस ग्राउंड धर्मशाला में इकठ्ठा होकर जेबीटी यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष अभिषेक ठाकुर के नेतृत्व में रैली निकाली और डीसी के माध्यम से मुख्यमंत्री और राज्यपाल और को ज्ञापन भेजा।
प्रशिक्षुओं की मांग है कि बीएड डिग्री धारकों को जेबीटी में शामिल न किया जाए। उन्होंने कहा जब जेबीटी प्रशिक्षुओं के लिए अलग से सरकार की और से सरकारी और निज़ी सरकारी संस्थान खोले गए हैं, तो बीएड धारकों को कैसे जेबीटी के लिए रखा जा रहा है। हर साल लगभग 5000 से ज़्यादा युवा जेबीटी की ट्रेनिंग लेते हैं और बीएड और जेबीटी धारक दोनों की न्यूनतम योग्यता भी अलग-अलग है।
उन्होंने कहा इस मामले में सरकार कोर्ट में सही पक्ष नहीं रख रही है। अब तक केस को लगभग एक साल होने को है पर सरकार हाईकोर्ट में जवाब देने में असफल हुई है। अभी सरकार से 20 मार्च को जवाब मांगा है इसीलए जेबीटी प्रशिक्षुओं की मांग है की सरकार कोर्ट में हमारा पक्ष सही व जल्द से जल्द रख कर जेबीटी की रिक्त पदों को भरे, ताकि वो खाली पड़े प्राथमिक स्कूलों में सेवाए दे सकें। उन्होंने कहा कि सरकार ने ऐसा नहीं किया तो जेबीटी/डीएलएड प्रशिक्षु भविष्य में लगातार कक्षाओं का बहिष्कार करेंगे।
वहीं, जेबीटी यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष अभिषेक ठाकुर ने कहा कि बीएड धारकों को प्रदेश सरकार की ओर से जेबीटी भर्ती के लिए पात्र किया गया है, जो कि गलत है। प्रदेश में जेबीटी के लिए 12 सरकारी संस्थान और 28 प्राइवेट कालेज हैं। ऐसे में बीएड को जेबीटी के लिए पात्र करना है तो जेबीटी संस्थानों का क्या औचित्य रह जाएगा। हमारी मांगों पर शीघ्र कार्रवाई की जाए, अन्यथा अनिश्चितकाल के लिए कक्षाओं का बहिष्कार किया जाएगा।