<p>वन मंत्री राकेश पठानिया ने वन निगम की आय बढ़ाने के लिए प्लान तैयार किया है। उन्होंने कहा कि वन निगम की आय बढ़ाने के लिए नए उत्पादों पर जोर दिया जाएगा। निगम द्वारा फ्लोर टाईल्स, वाल पैनलिंग के बाय प्रोडक्ट्स तैयार किये जायेंगे। इसके लिये नूरपुर और नाचन में दो आधुनिक प्रोसेसिंग युनिट्स लगायें जाएंगे। इसके अलावा प्रदेश में 7 हजार फुट से अधिक की ऊंचाई पर जहां पेड़ों की संख्या कम हैं वहां पर सोलर प्लांट्स लगाने पर विचार किया जा रहा है। ऐसे स्थानों पर उत्पन्न बिजली को राज्य विद्युत बोर्ड को बेचकर वन निगम की आय में बढ़ोत्तरी की जायेगी।</p>
<p>यह बात वन मंत्री राकेश पठानिया ने मिनी सचिवालय धर्मशाला में राज्य वन निगम लिमिटेड की 208वीं निदेशक मंडल की बैठक में कही। इस मौके पर उन्होंने खनन के लिए वन भूमि को पट्टे पर देने, इको-टूरिज्म पर जोर देने और राज्य वन विकास निगम लिमिटेड की लाभप्रदता में सुधार के लिए कई अन्य महत्वपूर्ण निर्णयों सहित अन्य गतिविधियों के विविधीकरण के लिए सहमति प्रदान की है। इस के साथ ही राज्य वन विकास निगम लिमिटेड के कर्मचारियों 20 लाख रुपये के बोनस देने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई। </p>
<p><span style=”color:#c0392b”><strong>कुठेड़ में बनेगा चंदन, जड़ी बूटियों पर आधारित एक्सीलेंस सेंटर</strong></span></p>
<p>वन मंत्री ने कहा कि राज्य में चंदन और जड़ी बूटियों पर आधारित एक्सीलेंस सेंटर कांगड़ा जिला के ज्वाली उपमंडल के कुठेड़ में विकसित किया जाएगा। इसके लिए वन विभाग के अधिकारियों को प्लान तैयार करने के दिशा निर्देश दिए गए हैं। एक्सीलेंस सेंटर के लिए वन विभाग की जमीन चिह्न्ति की गई। वन मंत्री राकेश पठाानिया सोमवार को धर्मशाला के मिनी सचिवालय में वन विभाग के अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।</p>
<p>उन्होंने कहा कि सरकार ने चंदन और जड़ी बूटियों की पैदावार में बढ़ोतरी कर निर्णय लिया है। इसमें रोजगार की असीम संभावनाएं हैं और हिमाचल के निचले क्षेत्रों की जलवायु भी इस के लिए उपयुक्त है। चंदन और जड़ी बूटियों के लिए एक्सीलेंस सेंटर विकसित करने के लिए वानिकी विशेषज्ञों की सेवाएं भी ली जाएंगी इसके अतिरिक्त वन विभाग के अधिकारियों के इस के लिए एक कमेटी गठित करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि एक्सीलेंस सेंटर के लिए वन विभाग के अधिकारियों की कमेटी कृषि और वानिकी विश्वविद्यालय के साथ भी संपर्क कर इस के लिए आवश्यक रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इसी सेंटर में टीसू कल्चर और सीड सर्टिफिकेशन की संभावनाओं पर भी विचार करने के लिए कहा गया है।</p>
<p>राकेश पठानिया ने कहा वनीकरण की गतिविधियों के माध्यम से लोगों को स्वरोगार के अवसर भी प्रदान किए जा रहे हैं। जंगली जड़ी बूटियों को बेचने तथा निजी जमीन पर इनके उत्पादन को बढ़ावा देकर रोजगार के अवसर पैदा करने के उद्देश्य से वन समृद्वि जन समृद्वि योजना आरंभ की गई है। इसके अतिरिक्त वन प्रबंधन में स्थानीय लोगों को सक्रिय रूप जोड़ने के लिए सामुदायिक वन संवर्धन योजना भी संचालित की जा रही है। </p>
<p>उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि वन विभाग के माध्यम से चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का सुचारू कार्यान्वयन सुनिश्चित करें। इससे पहले पीसीसीएफ सविता ने मुख्यातिथि का स्वागत करते हुए एक्सीलेंस सेंटर के प्रारूप के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की। इस अवसर पर अरण्यपाल धर्मशाला प्रदीप ठाकुर सहित वन विभाग के विभिन्न अधिकारी उपस्थित थे।</p>
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