अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 24 फरवरी को भारत दौरे पर आ रहे हैं। ट्रंप के भारत दौरे को लेकर निर्वासित तिब्बती सरकार की उम्मीदें भी प्रबलल होने लगी हैं। निर्वासित तिब्बती सरकार को उम्मीद जगी है कि विश्व शक्ति देश अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समक्ष भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ज़रूर निर्वासित तिब्बतियों का दर्द साझा करेंगे और उन्हें भविष्य में उनके स्वदेश वापसी के द्वार खोलने की भूमिका अदा करेंगे।
निर्वासित तिब्बती सरकार के डिप्टी स्पीकर येशी फुंत्सोक ने अपनी सरकार की मनसा जाहिर करते हुए कहा कि ये बड़े ही गर्व की बात है कि भारत में अमेरिका के राष्ट्रपति दौरे पर आ रहे हैं। भारत और अमेरिका दोनों ही दुनिया के सबसे बड़े प्रजातांत्रिक देश हैं और जब भी इन दो महाशक्तियों का आपस में मिलन होता है दुनिया में बड़ी हलचल पैदा होती है। इन दो देशों के मिलन से चीन जैसे देश को भी सोचने पर मजबूर होना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि आज अगर उन्हें उनके स्वदेश तिब्बत में कोई भिजवा सकता है तो वह दुनिया की ये दो बड़ी महाशक्तियां ही हैं। ऐसे में उन्हें पूरी उम्मीद है कि अमेरिका के राष्ट्रपति के सामने निर्वासित तिब्बतियों की समस्या को ट्रंप के सामने ज़रूर उठाएंगे और उन्हें भी भविष्य में तिब्बत वापस जाने का मौका मिल सकता है।