राजधानी शिमला के दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचने वाले मरीजों को अब डायलिसिस के लिए आईजीएमसी के चक्कर नहीं लगाने होंगे। आज से मरीजों को यह सुविधा डीडीयू मे ही उपलब्ध हो सकेगी। अस्पताल और निज़ी कंपनी की मदद से ये केंद्र चलेगा।
स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने दीन दयाल अस्पताल शुक्रवार को एनएचएम के तहत 6 बेडेड डायलिसिस का उदघाटन किया। उन्होंने बताया कि डायलिसिस की सुविधा से जहां शिमला के मरीजों को सुविधा मिलेगी तो वहीं अब उन्हें आईजीएमसी के चक्कर भी नही काटने पड़ेंगे।
डीसीडीसी किड़नी केअर की मदद से ये मशीन लगाई गई है। ऊना, बिलासपुर में पहले ही ये सुविधा दे दी जा रही है जबकि शिमला में डायलिसिस की सुविधा आज शुरू हो गई है। नाहन में अगले माह से डायलिसिस शुरू किया जाएगा। जिन मरीज़ो की किड़नी 90 फ़ीसदी तक ख़राब हो चुकी होती है उनको हफ़्ते में तीन बार डायलिसिस करवाना पड़ता है। वास्तव में किड़नी के लिए जाने वाले खून मशीन के माध्यम से साफ़ किया जाता है।
गुर्दे की कार्य क्षमता 80-90 फीसद घटने पर मरीज की डायलिसिस की जाती है। अभी तक यह सुविधा सरकारी अस्पतालों में नहीं थी। प्राइवेट अस्पतालों में एक बार की डायलिसिस पर ही दो से तीन हजार तक खर्च होता है। लेकिन दीन अस्पताल में सामान्य मरीज़ो को डायलिसिस के लिए 1169 रुपये देने पड़ेंगे। जबकि बीपीएल मरीज़ो के लिए ये सेवा निशुल्क रहेगी। डायलिसिस की एक मशीन की क़ीमत 6 लाख है।