हिमाचल प्रदेश सरकार ने सभी सरकारी महाविद्यालयों में दिव्यांग विद्यार्थियों को निशुल्क शिक्षा देने का फैसला किया है। इसको लेकर सरकार की तरफ से अधिसूचना जारी कर दी गई है। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर और बागवानी विश्वविद्यालय सोलन 2016 से ही दिव्यांग विद्यार्थियों को निशुल्क शिक्षा दे रहे हैं। उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष और हिमाचल प्रदेश राज्य दिव्यांगता सलाहकार बोर्ड के विशेषज्ञ सदस्य प्रो. अजय श्रीवास्तव ने इसका स्वागत किया है।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने प्रो. अजय श्रीवास्तव की जनहित याचिका पर सरकार को दिव्यांग विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय स्तर तक की संपूर्ण शिक्षा निशुल्क देने के आदेश 4 जून 2015 को दिए थे। अब उसी फैसले का हवाला देते हुए सरकार की अधिसूचना में कहा गया है कि कोई भी महाविद्यालय दिव्यांग विद्यार्थियों से किसी भी तरह की फीस अथवा फंड नहीं ले सकता। इसके बावजूद सभी सरकारी शिक्षण संस्थानों में दिव्यांग विद्यार्थियों से फीस वसूली जा रही थी।
प्रो. श्रीवास्तव ने बताया की राज्य दिव्यांगता सलाहकार बोर्ड की 23 जनवरी को हुई बैठक में उन्होंने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ राजीव सैजल के समक्ष अन्य मामलों के साथ यह मुद्दा भी प्रमुखता से उठाया था। उन्होंने कहा कि सरकारी महाविद्यालयों के अलावा स्कूलों, मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज, पॉलिटेक्निक, आईटीआई, एवं अन्य सभी सरकारी शिक्षण संस्थानों में भी दिव्यांग विद्यार्थियों को हाईकोर्ट के फैसले के मुताबिक निशुल्क शिक्षा दी जानी चाहिए। हाईकोर्ट ने कहा था की दिव्यांग विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय स्तर तक की समूची शिक्षा निशुल्क देना उनके जीवन जीने के मौलिक अधिकार के साथ जुड़ा है। इससे प्रदेश के कई हजार दिव्यांग विद्यार्थियों को लाभ होगा।