<p>प्रदेश के 4474 सरकारी प्राइमरी और मिडल स्कूलों में लगाई जाने वाली आधार नंबर युक्त बायोमीट्रिक मशीनों पर विवाद खड़ा हो गया है। बायोमीट्रिक लगाने के लिए अपने नाम पर फोर जी सिम लेने को शिक्षक तैयार नहीं हैं। स्कूलों में हाजिरी सुनिश्चित करने को शुरू हुई नई व्यवस्था के खिलाफ शिक्षक संघ मुखर हो गए हैं। शिक्षक संघों ने निदेशालय को स्वयं सिम का बंदोबस्त करने की मांग की है।</p>
<p>राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश महासचिव अशोक कुमार शर्मा, जिला शिमला अध्यक्ष यशवंत खिमटा और सचिव कुलदीप मेहता ने मशीनों के लिए शिक्षकों को अपने नाम पर फोर जी सिम लेने के निर्देशों पर आपत्ति जताई है। पदाधिकारियों का कहना है कि शिक्षकों के तबादले कभी भी हो जाते हैं।</p>
<p>ऐसे में वह अपने नाम पर सिम क्यों खरीदें। विभागीय अधिकारी अपने स्तर पर मशीन के लिए फोर जी सिम खरीदे या विभाग इसे खरीद कर दे। कोई भी शिक्षक अपने नाम से सिम नहीं लेगा। संघ के प्रदेश महासचिव अशोक शर्मा ने कहा कि दूरदराज और ग्रामीण क्षेत्रों में सैकड़ों ऐसे प्राथमिक स्कूल भी हैं, जहां पांच से सात कक्षाएं पढ़ाने को सिर्फ दो ही शिक्षक हैं।</p>
<p>उन्हें भी अन्य कई तरह के सरकारी कामों में इधर-उधर लगाया जाता है। ऐसे में इन बायोमिट्रिक मशीनों का कोई खास लाभ छात्रों और शिक्षण कार्य में हो ऐसा नजर नहीं आता। उधर, प्रारंभिक शिक्षा निदेशक रोहित जमवाल ने बताया है कि स्कूल प्रभारी को अपने नाम पर सिम लेनी चाहिए। तबादला होने पर उसे ट्रांसफर करवाया जा सकता है। इसके अलावा एसएमसी के माध्यम से भी सिम खरीदी जा सकती है।</p>
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