अगर किसी मरीज को आपात स्थिति में अस्पताल पहुंचाया जाए और उसे वहां से उपचार देने की बजाए पार्किंग भेजा जाए तो इससे बड़ी शर्मनाक घटना शायद ही हो। आपको सुनने में चाहे कुछ अजीब लगे लेकिन ऐसा ही एक हैरान कर देने वाला मामला हरोली अस्पताल में सामने आया है। जानकारी के अनुसार शुक्रवार को दोपहर बाद हरोली क्षेत्र के तहत लालुवाल में एक वृद्ध अज्ञात श्रद्धालु पैदल जा रहा था। वह अचानक ही बेहोश होकर गिर पड़ा।
स्थानीय लोगों ने तुरंत 108 नम्बर पर मामले की सूचना दी। हरोली से 108 एम्बुलेंस कर्मियों ने मौके पर पहुंच पीडित को प्राथमिक उपचार दिया व अस्पताल ले आये। लेकिन अज्ञात साधु की हालत नाजुक थी और साधु के साथ कोई अटेडट नहीं था। जब साधु को हरोली अस्पताल पहुंचाया गया तो वहां पर ड्यूटी पर तैनात डॉ ने कथित तोर पर पीडित को एडमिट करने व उपचार देने से मना कर दिया।
इतना ही नही उपचार तो देना दूर पीडित को व्हील चेयर पर बैठकर पार्किंग में मरने को छोड़ दिया गया। जहां काफी देर तक साधु तड़फता रहा। बताया जा रहा है कि अस्पताल प्रसाशन ने साधु बाबा के साथ कोई भी केयर टेकर न होने पर उपचार देने से मना कर दिया। इतने में किसी ने पीडित साधु को तड़फता देखा तो साधु को तड़फता अपने कैमरे में भी कैद कर लिया और मामले की सूचना मीडिया को भी दी।
जब मीडिया के माध्यम से डीसी ऊना राकेश कुमार प्रजापति व सीएमओ डॉ रमन से मामला सामने लाया गया तो अस्पताल प्रसाशन हरकत में आया और अपनी कारगुजारी छुपाने के लिए तुरन्त उसे उपचार दिया। सूत्रों की माने तो करीब 2 घण्टे पीडित साधु पार्किंग में ही मौत के मुह में पड़ा रहा। इतने में पीड़ित को अस्पताल भेजने वाले कुंगड़त के स्थानीय लोग भी इंसनियत के तौर पेमर असप्ताल पहुंच गए तब जाकर पीडित को उपचार दिया गया।
इसके बाद गंभीर हालत में साधु को ऊना अस्पताल रेफर कर दिया गया। वहीं सीएमओ ऊना डॉ रमन ने कहा कि मामला मीडिया के माध्यम से ध्यान में आया है और इस मामले जांच जल्द की जाएगी। वहीं डीसी ऊना राकेश प्रजापति ने भी तुरन्त कार्रवाई का आश्वासन दिया।