डीपी एसोसिएशन की समस्याओं को कोर्ट में जाने के बाद कुछ हद तक सुलझा लिया गया। बाबजुद इसके बहुत सारी समस्याएं अभी भी डीपी पद की है। आरएनपी रूल की कमी के चलते स्कूलों में डीपी पद स्थाई नहीं है। सरकार से मांग है कि डीपी के लिए आरएनपी रूल्स बनाए जिसमें नियमों के तहत पदोन्नति हो साथ ही डीपी के पद का नाम भी स्पष्ट हो।
डीपी एसोसिएशन के प्रधान मोहन नागटा ने कहा कि डीपी में कार्यरत कुछ डीपी को 5400 का ग्रैड पे मिल चुका है जबकिं कुछ को 5000 ग्रैड पे मिल रहा है। सरकार एक समान पद एक वेतन दे। केन्द्र सरकार फ़िट इंडिया अभियान चला रही है। ऐसे में प्रदेश में डीपी पद को बढ़ावा देने की जगह खत्म करने पर तुली हुई है जो गलत है।
मोहन नागटा ने कहा कि डीपी के 1530 पद हिमाचल में मंजूर है जबकि 167 पद अभी खाली पड़े हुए हैं। 10वीं तक स्कूलों में पीटीआई पद होता था। जबकिं 10 जमा दो के लिए डीपी की नियुक्तियां की गई। अभी तक डीपी पद पर 1973 के आरएनपी रूल चले हुए हैं सरकार इनको बदले।