Categories: हिमाचल

घुमारवीं के डॉ. विक्रम शर्मा ने कर दिखाया कमाल, घर में कॉफी का उत्पादन कर पेश की मिसाल

<p>जिला बिलासपुर के घुमारवीं उपमड़ल की पंचायत मराहणा के गांव मजौटी के रहने वाले डॉ. विक्रम शर्मा ने अपने घर में कॉपी का उत्पादन कर दूसरों के लिए मिसाल पेश की हैं । डॉ. शर्मा ने खुद कॉपी के पौधों को उगाने के साथ हिमाचल प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के किसानों के लिए मुफ्त में पौधे बांटकर किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार करने का बीड़ा उठाया और आज क्षेत्र के विभिन्न किसानों ने उतपादन शुरू किया गया है ।<br />
&nbsp;<br />
प्रदेश की भूगोलिक व पर्यावरण परिस्थितियों को देखते हुए पिछले 17 वर्षों से वाणिज्यिक कृषि बागवानी के शोध व प्रसार में लगे डॉ. विक्रम शर्मा ने बताया कि हिमाचल के निचले हिस्से में कॉफ़ी, अवोकेडो, दालचीनी, अंजीर, अंगूर की विश्वस्तरीय किस्में, पिस्ता व ऊपरी क्षेत्रों में कीवी की अन्तराष्ट्रीय किस्में, सेब, नाशपती, अन्य फलों के साथ ऊपरी हिमालयी क्षेत्र में केसर और हींग की खेती की प्रबल संभावना है। जिसे मात्र शोध के बिना पिछड़ना पड़ रहा है।</p>

<p>डॉ. विक्रम ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का स्वप्न्न &quot;किसानों की आय दोगुनी करना&quot; मात्र योजनाएं बना कर नहीं उन योजनाओं को किसान बागवान और युवाओं के साथ खेतों में जाकर असली जामा पहनाकर व भूगोलिक पर्यावरण व मांग के हिसाब से शोध करके पूर्ण किया जा सकता है।</p>

<p>डॉ. विक्रम ने बताया कि कई सौ करोड़ रुपए 2014 से प्रदेश सरकार को जंगली जानवरों व आवारा पशुओं के प्रवंधन के लिए बतौर अनुदान जारी हुए परन्तु मात्र कुछेक चहेतों को गौशालाओं के लिए दिए जाने के बाद सारी राशि खत्म कर दी गई, किसान बेहाल का बेहाल रहा तथा कृषि छोड़ने को मजबूर होता गया। डॉ. शर्मा ने कहा कि निचले हिमाचल प्रदेश की हालत तो इतनी खराब हो चुकी है कि यंहा के पढ़े लिखे युवा पलायन के लिए मजबूर हो चुके हैं,जिसके चलते आज यह एक बहुत बड़ा चिंता का विषय बनता जा रहा है तथा ये परिस्थिति पिछली कांग्रेस सरकार की देन है जो युवाओं को आज महसूस हो रही है।</p>

<p>डॉ. शर्मा ने बताया कि जल्द ही किसान बागवान व युवाओं के साथ मिलकर एक समग्र बागवानी विकास व प्रसार योजना शुरू की जाएगी जिसमें क्षेत्र की जलवायु, भूगोलिक परिस्थिति व मांग के हिसाब से फलों व कृषि बीज़ किसानों व युवाओं को उपलव्ध करवाए जाएंगे, सुनिश्चित किया जाएगा कि फलदार पौधों व बीजों की कीमत पारदर्शी हो तथा इस मुहीम से जुड़े हर सदस्य के समन्वय से तय की जाए। इसी मुद्दे पर चर्चा करते हुए शर्मा ने कहा कि गलगल खट्टा हमारे पहाड़ी इलाके में ही होता है तथा दिन व दिन इसकी मांग मंडियों में बढ़ती जा रही है, इसका सम्वर्धन व उत्तपादन किया जाना, प्रदेश के निचले किसानों के लिए काफी फायदे की बात साबित होगी। आगामी सत्र के लिए युवाओं व क्षेत्रीय किसानों की मदद से कॉफ़ी की नर्सरी भी जगह जगह स्थापित की जाएगी ताकि अधिक से अधिक क्षेत्र के अनुरूप पौध तैयार की जा सके</p>

<p>डॉ. विक्रम शर्मा ने प्रदेश सरकार व भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी से भी आग्रह किया कि हिमाचल प्रदेश सभी हिमालयी प्रदेशों का केंद्र बिंदु है अतः यंहा भारतीय सेब शोध व प्रसार संस्थान स्थापित किया जाए, जो भूगोलिक, व पर्यावरण के अनुरूप सेब जैसे महत्वपूर्ण फलों पर शोध करके बाहरी पौधों के आयात पर रोक लगाने में कामयाब हो, तथा बाहर के पौधों के साथ आयातित बीमारियों को भी रोकने के लिए एक कामयाब कदम बन सके। डॉ शर्मा ने कहा कि हर साल कई सौ करोड़ रुपए के सेब तथा अन्य गुठलीदार फलों के पौधे मंगवाए जाते हैं परन्तु आज तक कोई भी सेब पर शोध के लिए अनुसंधान संस्थान स्थापित नहीं हो पाया जो कि एक चिंता का विषय हैl</p>

Samachar First

Recent Posts

महाराष्ट्र में एनडीए की ऐतिहासिक जीत, भाजपा ने रचा नया इतिहास: उषा बिरला

NDA Victory in Maharashtra: भारतीय जनता पार्टी की जिला उपाध्यक्ष उषा बिरला ने महाराष्ट्र में…

6 hours ago

कंबल को लेकर कैथू जेल में भिड़े दो कैदी, एक गंभीर रूप से घायल

Shimla Prison Fight: शिमला के कैथू जेल में शनिवार को दो कैदियों के बीच कंबल…

8 hours ago

सुजानपुर में सांसद मोबाइल स्वास्थ्य सेवा का शिविर, 45 लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण

Free health camp Sujanpur: प्रयास संस्था के माध्यम से पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद अनुराग…

8 hours ago

कांगड़ा एयरपोर्ट की 14 फ्लाइट्स रद्द, जानें कारण, क्‍या है समस्‍या और समाधान

Blog: Shivanshu Shukla Kangra Airport flight disruptions: देश विदेश के सैलानियों के लिए आकर्षण और…

9 hours ago

परिवहन में डिजी लॉकर को मान्यता न देने पर दिव्‍यांग कल्‍याण संगठन ने जताई नाराजगी

DigiLocker issues for disabled: मंडी के बाबा भूतनाथ मंदिर परिसर में शनिवार को हिमालयन दिव्यांग…

9 hours ago

हमीरपुर में तकनीकी विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह में 4801 को मिली डिग्रियां

Himachal Technical University convocation: हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय, हमीरपुर का पांचवां दीक्षांत समारोह राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी…

10 hours ago