झारखंड की राजधानी रांची से प्रधानमंत्री ने दुनिया की सबसे बड़ी सरकारी हेल्थ स्कीम 'आयुष्मान भारत' योजना को लॉन्च कर दिया। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि इस योजना का सूत्रपात करने से लेकर इसे जमीन पर उतारने में हिमाचल की एक शख्सियत का बड़ा योगदान है। अगर नहीं जानते हैं तो डॉक्टर विनोद पॉल का नाम याद कर लीजिए। कांगड़ा ज़िला से ताल्लुक रखने वाले डॉक्टर विनोद पॉल वही शख्स हैं जिन्होंने इस योजना का ड्राफ्ट तैयार किया और उन ग़रीबों के लिए एक ऐसी योजना को साकार किया है जो अस्पतालों के बढ़ते खर्च को वहन नहीं कर पा रहे थे। आज के दौर में डॉक्टर पॉल की यह सोच केंद्र की मोदी सरकार के लिए सबसे महत्वाकांक्षी योजना बन गयी है। साथ ही साथ स्वास्थ्य क्षेत्र की यह सबसे बड़ी योजना बनकर उभरी है।
डॉक्टर विनोद पॉल फिलहाल में 'नीति आयोग' के सदस्य हैं और स्वास्थ्य के क्षेत्र में लगातार एक चैंपियन की तरह उन्होंने अपना काम किया है। आयुष्मान योजना लॉन्च होने के साथ-साथ आज सभी हिमाचलियों का सिर गर्व से ऊंचा है, जिनकी मिट्टी से निकले एक शख्स की बदौलत समूचे हिंदुस्तान के गरीबों की सबसे बड़ी सिक्यॉरिटी मिलने जा रही है।
आयुष्मान योजना: इस तरह उठाएं लाभ
आयुष्मान योजना एक स्वास्थ्य स्कीम है। इसके तहत 5 लाख रुपये तक का हेल्थ बीमा मुहैया कराया जाएगा। इस फ्री हेल्थ स्कीम से देश की तकरीबन 50 करोड़ की आबादी को शामिल करने का लक्ष्य है। पहले चरण में इस स्कीम का लाभ देश का ग़रीब तबका उठाएगा।
सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना के मुताबिक, ग्रामीण इलाके के 8.03 करोड़ और शहरी इलाके के 2.33 करोड़ गरीब परिवारों को इससे लाभ होगा। लगभग 50 करोड़ लोग इस योजना के दायरे में आएंगे। इसके लिए नेशनल हेल्थ एजेंसी ने 'नेशनल हेल्थ इंसोरेंस' के तहत आयुष्मान भारत स्वास्थ्य योजना की वेबसाइट आैर हेल्पलाइन को लांच कर दिया है। एेसे में इस वेबसाइट के जरिए आप यह जान सकते हैं कि आप आयुष्मान योजना के लाभार्थी हैं या नहीं। इसके अलावा अस्पतालाें में आयुष्मान मित्र से भी मदद ले सकते है। 25 सितंबर से यह स्कीम प्रभावी हो जाएगी।
देश के लिए काम आना गर्व की बात: डॉक्टर विनोद पॉल
आयुष्मान योजना लॉन्च होने पर समाचार फर्स्ट ने डॉक्टर विनोद पॉल से टेलिफोनिक बातचीत की। रांची में इस योजना के समारोह में पहुंचे डॉक्टर पॉल ने बेहद खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि देश के लिए कोई योजना इतने बड़े स्तर पर लागू होत रही है, यह गर्व की बात है।
विदेशों में भी शिशु रोग के लिए मशहूर डॉक्टर पॉल ने बताया कि उनका शुरू से उद्देश्य निजी लाभ छोड़ देश और समाज के लिए बेहतर करने का रहा है। हिमाचल की मिट्टी और संस्कृति का असर रहा कि निजी संपदा अर्जित करने से ज्यादा देश को रोगमुक्त बनाने में अपनी ताकत झोंक दी। डॉक्टर पॉल ने बताया कि बतौर नीति आयोग के सदस्य होने के नाते उन्होंने इस योजना को जमीन पर उतारने में काफी मेहनत की है। इसके लागू करने के मॉडल पर ही साल भर से ऊपर काम चलते रहे। उन्होंने बताया कि इस योजना को कारगर रूप से लागू किया जा रहा है। इसके लिए व्यक्ति को किसी अन्य प्लेटफॉर्म पर नए तरीके से रजिस्ट्रेशन कराने की जरूरत नहीं है। बल्कि, देश में पहले से ही गरीबी रेखा से नीचे वाले परिवारों की सूची है। सिर्फ आधार के जरिए उसे अपनी पहचान सुनिश्चित करानी होगी। खास बात यह कि इसमें परिवार को लेकर कोई लिमिटेशन भी नहीं है। इस योजना के पात्र परिवारों के सभी सदस्यों को इसका लाभ मिलेगा।
डॉक्टर पॉल का कहना है कि इस स्कीम का उद्देश्य ही यही है कि हर तबके को आसानी से मेडिकल सुविधा मिल सके। किसी भी व्यक्ति को इलाज के अभाव में जान नहीं गंवानी पड़े। डॉक्टर पॉल ने इस योजना को विस्तार देने में प्रधानमंत्री की भूमिका को भी विशेष तौर पर सराहा।