सूचना एवं प्रोद्योगिकी मंत्री रामलाल मार्कंडा ने मंगलवार को धर्मशाला में ड्रोन मेला का शुभारंभ किया। धर्मशाला में सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा जिला प्रशासन कांगड़ा के सहयोग से राज्य का पहला ड्रोन मेला आयोजित किया गया। मार्कण्डा ने कहा कि राज्य की अन्य जगहों पर भी ड्रोन मेले आयोजित किए जाएंगे ताकि लोगों के साथ साथ युवाओं को भी ड्रोन तकनीक के बारे में जानकारी मिल सके।
उन्होंने कहा कि ड्रोन आधुनिक युग की तकनीक का एक नया आयाम है जिसे आसानी से किसी भी व्यक्ति द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है एवं दैनिक कार्यों के लिये भी प्रयोग किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हिमचल में ड्रोन तकनीक को बढ़ावा देने के लिए कारगर कदम उठाए जाएंगे। इसके लिए प्रशिक्षण संस्थान भी खोले जाएंगे ताकि युवा पीढ़ी ड्रोन तकनीक के क्षेत्र में रोजगार हासिल कर सके।
मंत्री ने कहा कि ड्रोन के प्रयोग का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे न केवल लागत में कमी आती है, बल्कि समय की भी काफी बचत होती है, क्योंकि इसे सामान्यतः ट्रैफिक अवरोध का सामना नहीं करना पड़ता, साथ ही इसके प्रयोग से कंपनियों की श्रम लागत भी काफी कम हो जाती है।
मुख्य सचिव राम सुभग सिंह ने कहा कि ड्रोन उन स्थानों पर भी आसानी से पहुंच सकता है, जहां जाना इंसानों के लिये अपेक्षाकृत मुश्किल होता है या पूर्णतः असंभव होता है, अतः ड्रोन की यह विशेषता उसे आपदा प्रबंधन में प्रयोग करने के लिये भी एक अच्छा विकल्प बनाती है। ड्रोन तकनीक आने वाले समय में युवाओं के लिए काफी उपयोगी साबित होगी तथा इसमें युवाओं को प्रशिक्षित करने की दिशा में अहम कदम उठाए जाएंगे।
ड्रोन से धर्मशाला से टांडा पहुंचाई गई दवाइयां
स्काई एयर मोबिलिटी के ड्रोन से दवाइयां धर्मशाला के साईं स्टेडियम से टांडा मेडिकल कालेज पहुंचाई गई इसका लाइव प्रसारण भी दिखाया गया। इन उड़ानों के माध्यम से विभिन्न उत्पादों को सफलतापूर्वक तय स्थानों पर डिलीवर किया गया। इस मौके पर हिमाचल प्रदेश के माननीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री, श्री राम लाल मारकंडा तथा मुख्य सचिव राम सुभग सिंह विशेष तौर पर उपस्थित थे। इसके साथ ही रोटर प्रिसिजन इंस्ट्रूमेंट लिमिटेड, आइडिया फ्रॉरज टेकनोलोजी, डायबेस्ट जरनी, पैन इंडिया कंस्लटेंट ड्रोन डेस्टीनेशन कंपनियों ने भी अपने अपने ड्रोन की उडान का प्रदर्शन किया।