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अवैध खनन से खतरे में पब्बर नदी का अस्तित्व, माइनिंग विभाग खामोश

पी. चंद |

शिमला के रोहड़ू के चिरगांव से लेकर पटसरी तक लगभग 30 किलोमीटर में पब्बर नदी में पिछले 5 सालों से लगातार अवैध खनन हो रहा है। जिससे पब्बर नदी का जलस्तर 70% कम हो जाने से नदी का अस्तित्व खतरे में है साथ ही पर्यावरण को भी काफ़ी खतरा हो गया है।

शनिवार को भी बहुत से लोगों को अवैध रूप से रेत- बजरी और पत्थर निकालते हुए देखा गया। अवैध खनन करने वाले सैंकड़ों की तादाद में ट्रैक्टर यूटिलिटी पिक अप इत्यादि से ढुलाई कर रहे थे। अवैध खनन से जहां पर्यावरण और प्रदूषण को खतरा हो रहा है। वहीं, पानी के जल स्तर भी दिन प्रतिदिन कम होते जा रहा है कुड्डू  स्पेल में एक बिजली प्रोजेक्ट बनने जा रहा है यदि यही हाल रहा तो प्रोजेक्ट भी बंद हो जाएगा क्योंकि, उसके लिए पर्याप्त पानी नहीं होगा ।

वहीं, जब माइनिंग इंस्पेक्टर से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वहां पर एक पुलिस का दस्ता होना चाहिए जो दिन-रात उसकी देखभाल करें ताकि, खनन  रोका जासके अवैध खनन पर हिमाचल विधानसभा में भी काफी शोर शराबा भी हुआ। इसमें निर्णय लिया गया था कि अवैध रूप से हो रहे खनन को तुरंत रोका जाएगा मगर, अभी तक इसका कोई भी असर नहीं हुआ है ना ही माइनिंग विभाग ना ही सरकार इसके लिए गंभीर और ठोस कदम उठा रही है।