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साइबर अपराधियों के निशाने पर ई-सिम यूजर : नरवीर सिंह 

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साइबर क्राइम पुलिस के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नरवीर सिंह ठाकुर ने कहा कि आजकल साइबर अपराधी नए नए तरीकों से लोगों को ठगने का प्रयास कर रहे हैं। हाल ही में देश में टेलिकॉम सर्विस ऑपरेटर्स द्वारा ग्राहकों को ई सिम सर्विस ऑफर किए जा रहे हैं। इस सर्विस की मदद से बिन फोन में सिम कार्ड डाले यूजर्स कंपनी सर्विसेज ले सकते हैं। यह एक वर्चुअल मोबाइल सिम है जिसे ई सिम का नाम दिया गया है। यह आईफोन और वन प्लस मोबाइल के कुछ चुनिंदा मॉडल में ही इस्तेमाल होता है। लेकिन इसका फायदा साइबर अपराधी उठा रहे हैं। अब साइबर अपराधियों के निशाने पर यह महंगे फोन यूज करने वाले उपभोगता हैं जो इन्हें ठगने के लिए कई तरीके अपनाते हैं।

सबसे पहले यह कस्टमर को फोन करते हैं और ई सिम सर्विस ऑफर करते हैं और वे उन्हें अपने फोन के केवाईसी अपडेट करने को कहते हैं। ऐसा न करने पर वह उन्हें फोन बंद होने की बात करते हैं। इसके बाद यह कस्टमर को लिंक भेजते हैं जिसमें कस्टमर को एक फार्म भरना होता है। जिसमें अकाउंट और एटीएम की डिटेल भरी जाती है। इसके बाद कस्टमर से टलिकॉम ऑपरेटर्स को रजिस्टर ई-मेल से ई-सिम जारी करने बारे अनुरोध किया जाता है। इसके बाद एक QR कोड प्राप्त होता है जिसे साईबर अपराधी कस्टमर से प्राप्त कर लेते हैं। इस प्रक्रिया के दौरान साइबर अपराधी Team Viewer Quick Support & Any Desk App Download करने को कहते हैं। कस्टमर द्वारा ऐसा करने पर यह कस्टमर के मोबाइल डिबाइस की पूरी जानकारी प्राप्त करके बैंक खाता डिटेल प्राप्त कर लेते हैं। जिससे कस्टमर का खाता से लिंकड मोबाइल नंबर बंद हो जाता है जिसकी जानकारी कस्टमर को नहीं होती है। और न ही उसे कोई ओटीपी प्राप्त होते हैं। इस तरह से साइबर अपराधी ऑनलाइन बैंकिंग के जरिए कस्टमर के बैंक खातों एंव क्रेडिट कार्ड से पूरी राशि निकाल सकते हैं। यही नहीं साइबर अपराधी एसएसएस भेजकर पुराना सिम अपग्रेड कर ई-सिम में बदलने का झांसा देते थे। वे उन्हें एक एसएमएस भेजते और उसे मोबाइल कंपनी के कस्टमर केयर में भेजने के लिए कहते थे। उस एसएमएस में ई-मेल आईडी ठगों की होती थी। लोग उसे मोबाइल कंपनी के कस्टमर केयर में भेजते तो वह रजिस्टर हो जाती थी। 

उन्होंने कहा कि इसी तरह का एक मामला सदर थाना शिमला में दर्ज किया गया है। शातिरों ने व्यक्ति के खाते ऑनलाइन बैंकिंग और क्रेडिट कार्ड के माध्यम से 5 लाख 95 हजार की ठगी को अंजाम दिया है। पीड़ित ने इस संबंध में सदर थाना शिमला में शिकायत दर्ज करवाई है। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने अपराधिक मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। साथ ही राज्य साइबर थाना शिमला भी इस मामले में टैक्निकल सहायता प्रदान कर रहा है। 

ऑनलाइन ठगी से बचने के लिए इन बातों का रखे खयाल

उन्होंने इस तरह की ठगी से बचने के लिए लोगों को कुछ बातों का ध्यान रखने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि किसी भी फोन या WhatsApp Call & E-Mail जिसके द्वारा आपके सिम के ब्लॉक होने का मैसेज आए तो उस पर भरोसा न करें और जरूरी होने पर खुद कस्टमर केयर को ऑफिशल नंबर पर कॉल कर लें। इसके अलावा केवाईसी से जुड़ा कोई भी प्रोसेस फोन पर नहीं होता, ऐसा करने से बचें। साथ ही किसी भी स्थिति में अपने बैंकिग डीटेल्स किसी के साथ शेयर न करें। कोई भी टेलिकॉम कंपनी किसी भी यूजर को ऐसे डेटा की मांग नहीं करती। साथ ही किसी को भी अपने बैंक खातों की डिटेल शेयर न करें।