कुल्लू। जिला कुल्लू के काइसधार में निर्माणाधीन ईको ट्रेल प्रोजेक्ट नेचर, कल्चर और गोल्फ कार्ट का संगम बनेगा। जो आने वाले दिनों में देश-विदेश के सैलानियों के लिए आकर्षण को प्रमुख केंद्र बनेगा। जाइका वानिकी परियोजना के सतोयामा कम्पोनेंट के अंतर्गत तैयार हो रहा ईको ट्रेल प्रोजेक्ट में सैलानियों को सैर करने के लिए पार्क, यहां की संस्कृति और गोल्फ कार्ट की सुविधा मिलेगी।
इसके मद्देनजर जाइका के परियोजना निदेशक श्रेष्ठा नन्द शर्मा ने निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि ईको टूरिज्म की दृष्टि से काइसधार में तैयार हो रहा ईको ट्रेल प्रोजेक्ट जल्द बनकर तैयार होगा।
इस अवसर पर डीएफओ कुल्लू एंजल चौहान, एसएमएस कुल्लू अरविंद कपूर, रेंज ऑफिसर एंजल शर्मा, बीओ कुल्लू सन्नी यादव, फोरेस्ट गार्ड तारा चंद और एफटीयू कॉ-ऑर्डिनेटर प्रोमिला मौजूद थे। इसके पश्चात परियोजना निदेशक श्रेष्ठा नन्द नन्द शर्मा ने माता रानी स्वयं सहायता समूह पारली सेरी का दौरा किया। जहां पर महिलाएं हैंडलूम सेक्टर में बेहतरीन कार्य कर रही है।
जाइका से जुड़े विभिन्न स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से तैयार हो रहे हथकरघा एवं बुनकर उत्पादों को नई पहचान मिल रही है। कुल्लू जिले में 106 स्वयं सहायता समूह हैंडलूम सेक्टर के हैं, जिनमें 72 ग्रुप एक्टिव तरीके से काम कर रहे हैं। यह परियोजना विभिन्न स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार किए गए उत्पादों की ब्रांडिंग के लिए भी कार्य कर रही है।
हिम ट्रेडिशन नामक ब्रांड से उत्पादों की ब्रिकी की जाती है। जाइका वानिकी परियोजना के परियोजना निदेशक श्रेष्ठा नन्द शर्मा ने कहा कि तहत स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित हिमाचल की पारंपरिक परिधानों की बुनाई से ग्रामीणों की आर्थिकी में नई जान आएगी।
उन्होंने कहा कि अब तक जिन-जिन स्वयं सहायता समूहों को उन्होंने ट्रेनिंग दी जा चुकी है, वे बेहतरीन क्वालिटी के कुल्लवी शॉल व स्टॉल तैयार कर अच्छी कीमत मिलती है। श्रेष्ठा नन्द शर्मा ने कहा कि आज पारंपरिक वस्त्रों की मांग देश के कोने-कोने से आ रही है। इसके मद्देनजर जाइका से जुड़े स्वयं सहायता समूहों को आय सृजन का बेहतर मौका मिलेगा।