शिक्षा विभाग में इस बार अपग्रेड किए गए 30 स्कूलों में ही साइंस-कामर्स विषयों को शुरू करने का प्रस्ताव कैबिनेट में ले जाएगा। हालांकि इससे पहले सरकार ने प्रदेश के 40 स्कूलों में इन विषयों को शुरू करने का प्लान बनाया था, लेकिन सरकार ने इस प्रोपोजल को मंजूरी नहीं दी थी। हैरानी की बात है कि इस साल के शुरू से ही लगभग 40 स्कूलों में साइंस और मैथ विषय को शुरू करने की मांग सरकार से उठाई जा रही है।
लेकिन सरकार ने शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव को नामंजूर ही किया है। हालांकि अभिभावकों की मांग पर इस बार फिर से शिक्षा विभाग ने प्रोपोजल में कटौती कर केवल 30 स्कूलों में ही इन विषयों को शुरू करने का प्रस्ताव कैबिनेट में ले जाने की तैयारी की है। बता दें कि इससे पहले भी जब कैबिनेट में इस मामले को लाया गया था, तो इस पर चर्चा नहीं हो पाई थी। हैरत है कि जिन स्कूलों में ये विषय शुरू किए भी गए हैं, उन स्कूलों में भी शिक्षक नहीं हैं।
ऐसे में नए स्कूलों में इन विषयों को शुरू करने से पहले सरकार कई बार सोचेगी। बता दें कि सरकारी स्कूलों में विभिन्न पदों पर शिक्षकों की भर्तियां की तो जा रही है, लेकिन ज्यादातर शिक्षकों की भर्तियां केवल आर्ट्स में ही हो रही हैं। मेडिकल, नॉन मेडिकल और कॉमर्स के शिक्षकों की भर्तियां कम होने से छात्रों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। हिमाचल के पहाड़ी क्षेत्रों जैसे चौपाल, नेरवा आदि के सरकारी स्कूलों में इन विषयों के शिक्षकों के पद खाली होने की वजह से बोर्ड परीक्षाओं की तैयारियों में खासी दिक्कतें हो रही हैं।
बताया जा रहा है कि शिक्षा विभाग की ओर से इस बार कैबिनेट में 30 नए स्कूलों में कॉमर्स और साइंस विषय शुरू करने की मांग उठाई जाएगी, तो वहीं शिक्षकों की नई भर्तियों पर भी विभाग की ओर से नया प्रोपोजल भेजा जा सकता है। लगभग 500 स्कूलों की रिपोर्ट विभाग के पास हाल ही में पहुंची है, जिसमें अभिभावकों की ओर से मांग की गई है कि इन स्कूलों में जल्द ही कॉमर्स और साइंस विषय पढ़ाने की सुविधा छात्रों को मुहैया करवाई जाए। शिक्षा विभाग के पास पहुंची रिपोर्ट के बाद केवल 30 महत्त्वपूर्ण स्कूलों में ही इन विषयों को शुरू करने का प्लान फिलहाल तैयार किया गया है। अब देखना होगा कि इस बार कैबिनेट से इस बारे में मंजूरी मिल पाती है या नहीं।