छात्र अभिभावक मंच ने प्रदेश भर के हज़ारों अभिभावकों को उनके आन्दोलन की जीत के लिए बधाई दी है। मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि छात्र अभिभावक मंच के आंदोलन का असर दिखने लगा है। पहले कुछ स्कूलों ने फीसों में कटौती की और अब निदेशक शिक्षा ने प्राइवेट स्कूलों की मनमानी, लूट व भारी फीसों पर अंकुश लगाने के लिए शिक्षा विभाग और छात्र अभिभावक मंच के मध्य सम्पन्न 16 मार्च की मीटिंग की कार्यवाही की अधिसूचना जारी कर दी है। मंच ने निदेशक शिक्षा द्वारा जारी किए गए आदेशों का स्वागत किया है।
इस अधिसूचना में चार बिंदुओं पर निर्णय लिए गए हैं। निदेशक शिक्षा ने प्राइवेट स्कूलों को फीसों के मामले में मनमानी पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं और कहा है कि फीसें तर्कसंगत होनी चाहिए। स्कूलों की मनमानी बर्दाश्त नहीं होगी। प्राइवेट स्कूलों में वर्दी और किताबों की दुकानों पर पाबंदी लगा दी गई है। प्राइवेट स्कूलों को ये भी निर्देश दिए गए हैं कि वे अभिभावकों को वर्दी और किताबें खरीदने के लिए किसी विशेष दुकान से बाध्य न करें। अधिसूचना में स्पष्ट कर दिया गया है कि पिकनिक, टूअर और ट्रिप के नाम पर अभिभावकों से पैसे की जबरन उगाही बन्द की जाए और इसकी अनिवार्यता खत्म करके इसे स्वैच्छिक बनाया जाए।
इन आदेशों के तहत हर प्राइवेट स्कूल में पीटीए का गठन अनिवार्य कर दिया गया है जिसमें लोकतांत्रिक तरीके से अभिभावकों की संख्या दो तिहाई होगी। निदेशक ने अपने आदेशों में स्पष्ट किया है कि निर्देशों को सख्ती से लागू किया जाए और अवहेलना करने वाले स्कूल प्रबंधनों पर सख्त कार्रवाई अमल में लायी जाएगी। विजेंद्र मेहरा ने आशा व्यक्त की है कि अब प्राइवेट स्कूलों की मनमानी और लूट पर शिकंजा कसेगा जिससे हज़ारों अभिभावकों को न्याय मिलेगा। उन्होंने शिक्षा सचिव को चेताया है कि प्राइवेट स्कूलों पर नकेल न लगाई गई तो मंच के पास निर्णायक आंदोलन के सिवाए कोई चारा न होगा।
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मंच की सह संयोजक बिंदु जोशी ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों व शिक्षा सचिव को चेताया है कि अगर उन्होंने तुरन्त भारी फीसें चार्ज करने वाले प्राइवेट स्कूलों की मनमानी और लूट पर रोक न लगाई तो मंच का आंदोलन उग्र होगा। उन्होंने कहा है कि मंच के दूसरे चरण का आन्दोलन अगले दो-तीन दिनों के भीतर शुरू होगा जिसकी तैयारियां की जा रही हैं। उन्होंने कहा है कि आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक कि प्राइवेट स्कूलों की मनमानी, लूट और भारी फीसों पर अंकुश लगाने के लिए कानून और पॉलिसी न बनाई गई। उन्होंने कहा कि प्राइवेट कॉलेजों, विश्वविद्यालयों की तर्ज़ पर निजी स्कूलों को संचालित करने के लिए रेगुलेटरी कमिशन बनाया जाए।