प्राइवेट स्कूलों की मनमानी, लूट और भारी फीसों के खिलाफ छात्र अभिभावक मंच का प्रतिनिधिमंडल आज सुबह शिक्षा मंत्री के निवास पर उनसे मिला और इस संदर्भ में उनसे बातचीत की। इसके बाद उन्होंने मंच के प्रतिनिधिमंडल को सचिवालय स्थित कार्यालय पर बैठक के लिए आमंत्रित किया। मीटिंग में शिक्षा मंत्री ने भरोसा दिया कि प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर नकेल लगाई जाएगी और इन्हें संचालित करने के लिए अन्य राज्यों की तर्ज़ पर कानून बनाया जाएगा।
मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा कि शिक्षा मंत्री से लगभग 2 घण्टे बातचीत चली और इसमें प्रधान सचिव शिक्षा, उच्चतर शिक्षा निदेशक, शिक्षा मंत्री के ओएसडी और लोक सम्पर्क अधिकारी मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री ने निजी स्कूलों की मनमानी पर चिंता व्यक्त की और इन पर नकेल लगाने के लिए उचित कदम उठाने और इन्हें संचालित करने के लिए अन्य राज्यों की तरह कानून बनाने का आश्वासन दिया।
उन्होंने प्रधान सचिव शिक्षा को निजी स्कूलों की कार्यप्रणाली के संदर्भ में सभी तथ्य इकट्ठा करने का निर्देश दिए और इन तथ्यों को हिमाचल के एडवोकेट जनरल और हिमाचल उच्च न्यायालय के संज्ञान में लाने का निर्देश दिया। उन्होंने निदेशक उच्चतर शिक्षा को निर्देश दिया कि निजी स्कूलों से फीस सहित उनकी सभी तरह की कारगुज़ारी की रिपोर्ट तुरन्त तलब की जाए और अवहेलना करने वाले निजी स्कूलों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
विजेंद्र मेहरा ने पुनः चेताया है कि अगर निजी स्कूलों की मनमानी, लूट और भारी फीसों पर नियंत्रण न किया गया तो आन्दोलन आगे बढ़ेगा। उन्होंने आशा व्यक्त की है कि शिक्षा मंत्री और शिक्षा विभाग के आला अधिकारी अपने वायदे पर कायम रहेंगे और इन स्कूलों पर नकेल लगाएंगे। उन्होंने प्रदेश सरकार से शिक्षा निदेशालय के 18 मार्च 2019 के आदेशों की सख्ती से पालना की मांग की है और इन निर्देशों की अवहेलना करने वाले निजी स्कूलों की मान्यता रद्द करने की मांग की है।