250 करोड़ छात्रवृत्ति घोटाले में अभी तक तस्वीर साफ़ नहीं हो पाई है। अब मामला सीबीआई के पास है जो करीब एक साल से इस घोटाले की जांच कर रही है। शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने बताया कि छात्रवृत्ति घोटाले के बारे में विभाग के पास कोई जानकारी नहीं है की जांच कहां तक पहुंची है। सीबीआई से जानकारी मांगी गई है लेकिन अभी तक किसी तरह की कोई जानकारी नहीं मिली है। जिन शिक्षण संस्थाओं के खिलाफ जांच चल रही है वह हिमाचल के नहीं बल्कि बाहर के लोगों के है। ये बात शिक्षा मंत्री ने निष्ठा कार्यक्रम के प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान दी।
सीबीआई जांच में हिमाचल के करीब 37 हजार मेधावी विद्यार्थियों की छात्रवृत्तियों में गड़बड़ियां पाई गई हैं। सूत्रों के अनुसार 22 संस्थानों की जांच में गड़बड़ी पाए जाने के सुबूत मिले हैं। निजी शिक्षण संस्थानों ने छात्रवृत्तियां हड़पने के लिए 200 से 300 विद्यार्थियों की जातियां भी बदल डाली। अनुसूचित जाति (एससी) के विद्यार्थियों को अनुसूचित जाति (एसटी) में केवल ऊना के पड़ोगा में नहीं बल्कि कई संस्थानों में दर्शाया गया है।
छात्रवृत्ति घोटाले का मामला न्यायालय में भी चल रहा है। 250 करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाले में कुल 2772 शैक्षणिक संस्थान है लेकिन प्रदेश सरकार ने सिर्फ 22 शैक्षणिक संस्थानों की जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंपा है। इस पर भी सवाल उठ रहे हैं जिसको न्यायालय ने गंभीरता से लिया है। मामले की आगामी सुनवाई 14 नवम्वर को निर्धारित की गई है।