ट्रक ऑपरेटरों की आठ दिन से चल रही हड़ताल शुक्रवार को खत्म हो गई है। सरकार ने ट्रक ऑपरेटरों की मांगों पर विचार का आश्वासन दिया है जिसके बाद उन्होंने हड़ताल वापस लेने की घोषणा की। ट्रकों की हड़ताल के खत्म होने से सबसे बड़ी राहत बागवानों को मिली है। इस हड़ताल के पहले दिन करोड़ो रुपये के नुकसान का दावा किया गया है।
वहीं प्रदेश के बागवानों के लिए राहत भरी खबर है। सेब सीजन पिक पर होने के चलते हड़ताल का सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को हुआ है। हर रोज सेब की हजारों पेटियां मंडी में आ रही थी, लेकिन ट्रकों की हड़ताल के चलते सेब ढुलाई के लिए ट्रक नहीं मिल पा रहे थे। ट्रक चालक बाहरी राज्यों में सेब ले जाने से कतरा रहे थे। वहीं आढ़ती भी सेब लेने से कतरा रहे थे, जिसके चलते बागवानों को सेब मंडियों तक ले जाने की चिंता सता रही थी।
यह थी प्रमुख मांग
ट्रांसपोर्टरों की प्रमुख मांग है कि डीजल को जीएसटी के दायरे में लाकर इस पर केंद्र और राज्य सरकारों के कर कम किए जायें, जिससे इसकी कीमतों में कमी लाई जा सके। हालांकि, ट्रक हड़ताल से जरूरी सामान की ढुलाई को बाहर रखा गया था।