मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर रविवार को कांगड़ा के दौरे पर थे। बैजनाथ में सीएम का जनसभा को संबोधित करने का कार्यक्रम था। सीएम के किसी भी दौरे से पहले प्रशासन अलर्ट हो जाता है। सड़क, बिजली पानी की व्यवस्था सही ढंग से कर दी जाती है। लेकिन सीएम जयराम की जनसभा में अचानक से कुछ ऐसा हुआ कि अधिकारियों की नींद उड़ गई।
सीएम जैसे ही जनसभा में पहुंचे, बिजली गुल हो गई। बिजली गुल होते ही विभागीय अधिकारियों की सांसे फूल गई। लगभग 10 मिनट तक बिजली नहीं आई। बिजली गुल होने पर स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार और स्थानीय विधायक मुल्खराज प्रेमी ने तीखे तेवर दिखाते हुए अधिकारियों को मौके पर ही तलब किया और बिजली ठीक करने के आदेश देकर उनकी क्लास भी लगा दी। लगभग दस मिनट के बाद बिजली आई, जिसके बाद जनसभा का कार्यक्रम आगे बढ़ सका।
सीएम की जनसभा में बिजली गुल होना विभाग की पोल खोलता है। प्रदेश में अभी भी कई परिवार हैं जो अंधेरे में जी रहे हैं। ऊना में भी एक परिवार को 15 साल बाद बिजली मिली थी। बीजेपी की सरकार चाहे केंद्र में हो या प्रदेश में हर घर तक बिजली पहुंचाने का संकल्प लिया है लेकिन सीएम की जनसभा में ही बिजली गुल होने से नई नवेली सरकार की किरकिरी हो गई।