इलेक्ट्रिक वाहनों के मामलों में हिमाचल देशभर के राज्यों के लिए नई पहल कर मॉडल राज्य बनने की तरफ अग्रसर हो रहा है. पहाड़ी राज्य होने के बावजूद हिमाचल प्रदेश को इलेक्ट्रिक वाहनों का हब बनाने की कवायद तेज हो गई है.
जयराम कैबिनेट की बैठक में इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी के ड्राफ्ट को मंजूरी दे दी गई है. इस ड्राफ्ट पॉलिसी के मुताबिक शिमला, धर्मशाला और बद्दी मॉडल ईवी टाउन बनेंगे. इसके अलावा विशेष ईवी पार्क भी स्थापित होंगे.
कैबिनेट बैठक के बाद शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में इलेक्ट्रिसिटी पर आधारित वाहन चलें, इसमें किस प्रकार की छूट मिलेगी, चार्जिंग स्टेशन बनें, इसके लिए पॉलिसी को मंजूरी प्रदान की है.
जानकारी के अनुसार इस पॉलिसी को 5 साल के लिए लागू किया जाएगा. इसके तहत इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद को प्रोत्साहित करने के लिए दोपहिया से लेकर व्यवसायिक वाहनों की खरीद करने पर सरकार इंसेंटिव देगी. यह इंसेंटिव वाहनों में लगने वाली बैटरियों की क्षमता के अनुसार 3 हजार रुपये प्रति किलो वाट के हिसाब से मिलेगा. हालांकि इस सब्सिडी पर हर श्रेणी के वाहन पर अधिकतम सीमा भी रहेगी. वाहन खरीदते समय ही मिलेगा जिससे खरीददार की जेब पर बोझ कुछ कम होगा.
जो लोग अपने पुराने वाहनों को बेचकर नया इलेक्ट्रिक वाहन खरीदना चाहेंगे, उन्हें वाहन स्क्रैप करने पर भी अलग से इंसेंटिव की व्यवस्था रहेगी. प्रदूषण कम करने के उद्देश्य से सरकारी वाहनों को चरणबद्ध तरीके से इलेक्ट्रिक वाहनों से बदला जाएगा.
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