हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड कर्मचारी संघ ने अपने विभाग के मैनेजमेंट के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बिजली बोर्ड में एमडी पर संघ ने बोर्ड को बर्बाद करने के साथ वितीय नुकसान के भी आरोप लगाए हैं। संघ ने आरोप लगाया है कि एमडी के कार्यकाल में कर्मचारियों की विद्युत दुर्घटनाएं बढ़ी हैं और सुरक्षा मानकों की कमी के चलते मौत का आंकड़ा भी बढ़ा है। दो सालों में बोर्ड के 10 से ज्यादा कर्मचारियों की काम करते हुए दुर्घटनाओं में मौत हो चुकी है। यूनियन ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने एमडी को जल्द नही हटाया तो बोर्ड के 10 हजार कर्मचारी 22 अक्टूबर से धरना और हड़ताल पर चले जायेंगे।
कर्मचारी यूनियन का आरोप है कि तबादला कारोबार में लगे दलाल सीएम को कर्मचारियों के कार्यक्रमों में जाने से रोकने और कर्मचारियों को धमकाने का काम कर रहे हैं। पिछले दस सालों में 4 हज़ार नए कर्मचारी भर्ती हुए थे लेकिन इनके लिए किसी भी तरह का रिक्रूटमेंट नियम, नियमतिकरण के साथ किसी भी तरह के नियम नही बनाएं गए हैं जो इन कर्मचारियों के साथ सरासर अन्याय है। इसके अलावा संघ ने 2003 के बाद बोर्ड कर्मियों के लिए पुरानी पेंशन स्कीम लागू की करने की मांग की है।
राज्य बिजली बोर्ड कर्मचारी यूनियन ने कहा कि प्रदेश में बीजेपी राज में तबादला उद्योग फल फूल रहा है। दलाल तबादले करवा कर कर्मचारियों का शोषण कर रहे हैं । सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए ताकि सरकारी संस्थाओं में किसी के साथ किसी भी तरह का भेदभाव न होने पाए।