सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री सरवीण चौधरी ने आज 20 लाख से निर्मित होने वाले हरनेरा से बाग सड़क के भूमिपूजन करने उपरांत लोगों को संबोधित करते हुए किया। प्रदेश की भोगौलिक परिस्थितिओं में सड़कें ही संचार का मुख्य साधन हैं। हर क्षेत्र को बेहतर तथा सुगम संचार सुविधा उपलब्ध करवाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और प्रदेश में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़कों के निर्माण पर 2416.62 करोड़ रुपये व्यय किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 'प्रधानमन्त्री ग्रामीण सड़क योजना' से प्रदेश के सड़क नेटवर्क को विस्तृत करने में सहायता मिली है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में लोगों की सुविधा और मांग पर गांव-गांव को भी संपर्क सड़क मार्गों से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। प्रदेश के गांवों को सड़कों से जोड़ने के लिए सरकार ने गत दो वर्षों में नाबार्ड द्वारा 675.51 करोड़ रुपए की 166 सड़कों और पुलों के कार्य स्वीकृत किये हैं, जिसमें से 536.65 करोड़ रूपए ग्रामीण सड़कों के निर्माण पर खर्च किये गये हैं। हरनेरा-बड़ज-सिद्धपुर-सल्याणा सड़क पर नाबार्ड के अंतर्गत 573.60 लाख रुपए व्यय किए जा रहे हैं जबकि शाहपुर-चकबन-लपियाणा सड़क पर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत 875 लाख रुपए का कार्य प्रगति पर है।
सामाजिक न्याय मंत्री ने क्यारी में 33 लाख रुपए से बनने वाले उप-स्वास्थ्य केंद्र का शिलान्यास करने के बाद एक जनसभा को संबोधित करते हुए बताया कि शाहपुर विधानसभा क्षेत्र में जल जीवन मिशन के तहत विभिन्न उठाऊ पेयजल योजनाओं के कार्यान्वयन पर 8.50 लाख रुपए की राशि व्यय की जा रही है। उन्होंने जानकारी दी कि उठाऊ पेयजल योजना हरनेरा-मैहर के निर्माण पर 1.35 करोड़ रुपए की राशि व्यय की गई है और यह योजना बन कर तैयार हो चुकी है। उन्होंने बताया कि हरनेरा-मैहर योजना से 106 फ्री पेयजल कनेक्शन स्वीकृत किए गए हैं और बराज-सिरमानी में भी विभाग द्वारा 102 नल लगाए गए हैं। क्यारी-चतरेह सड़क के रखरखाव पर 20 लाख रुपए व्यय किए जा रहे हैं।