डीसी किन्नौर आबिद हुसैन सादिक की अध्यक्षता में सेब सीजन की तैयारियों को लेकर एक बैठक की गई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त किन्नौर ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों की चुनौतियों के बावजूद भी हम सब को मिलजुल कर इसका हल करना होगा। आज पूरे विश्व मे कोरोना महामारी के संक्रमण का खतरा बना हुआ है जबकि दूसरी और हमें किसानों बागवानों की आर्थिकी को सुदृढ़ करने के संदर्भ में भी उचित कदम उठाने हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा समय-समय पर जारी दिशानिर्देशों की अनुपालना सुनिश्चित बनाते हुए बागवानों के उत्पादों को उचित समय पर मंडियों तक पहुंचाने के प्रयास करने होंगे ताकि किसानों- बागवानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य मिल सके। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि सेब सीजन के दृष्टिगत जिले में बाहर से आने वाले मजदूरों का किन्नौर प्रवेश द्वार चौरा में ही कोविड जांच का प्रावधान किया जाए ताकि जिले में संक्रमण को रोक जा सके।
बागवानी विभाग के विषय वस्तु विशेषज्ञ अश्वनी चौहान ने बैठक का संचालन करते हुए बताया कि जिले में इस साल 52 हजार 927 मीट्रिक टन सेब उत्पादन का अनुमान है, जिससे लगभग 26 लाख 46 हजार 350 सेब की पेटियों का अनुमान है। इन पेटियों को मण्डियों तक पहुंचाने के लिए लगभग 6 हजार 616 ट्रकों की आवश्यकता पड़ेगी। कल्पा उपमण्डल में इस साल 18 हजार 857 मीट्रिक टन सेब के उत्पादन का अनुमान है, जिससे लगभग 9 लाख 42 हजार 850 बाॉक्स बनेगें और इनको मण्डियों तक पहुंचाने के लिए 2 हजार 357 ट्रकों की आवश्यकता होगी।
इसी प्रकार निचार उपमण्डल में 13 हजार 590 मीट्रिक टन सेब उत्पादन की उम्मीद है जिससे लगभग 6 लाख 79 हजार 500 सेब बॉक्स तैयार होंगे और इसकी ढुलाई के लिए1699 ट्रकों की आवश्यकता होगी।