ऊना जिला की ट्रैफिक पुलिस के कारनामे के चलते एक रिटायर्ड प्रिंसीपल को कोर्ट-कचहरी के चक्कर ही नहीं लगाने पड़े, बल्कि उसके नाम का जमानती वारंट तक जारी हो गया। हालांकि मामले की सच्चाई जानने के बाद कोर्ट ने उक्त चालान को रफा-दफा करते हुए पीड़ित सीनियर सिटीजन को राहत प्रदान की। जानकारी के मुताबिक झलेड़ा स्थित हिल व्यू कॉलोनी में रहने वाले रिटायर्ड प्रिंसीपल अश्वनी कुमार शर्मा को कुछ समय पूर्व अदालती सम्मन मिला।
जिसे लेकर वह संबंधित कोर्ट पहुंचे, जहां उन्हें पता चला कि उनकी (HP 20E 8299) नंबर की बाइक का नंबरी चालान हुआ है। हालांकि उन्हें यह स्पष्ट नहीं हो सका कि यह चालान किस लिए किया गया है। उन्होंने कोर्ट में मौजूद कर्मचारियों के समक्ष अपना पक्ष रखते हुए बताया कि उनके पास इस नंबर की कोई मोटर साइकिल नहीं है। बल्कि इस नंबर की कार है।
हालांकि कोर्ट कर्मचारियों ने उन्हें मामला निरस्त होने का भरोसा भी दिलाया। लेकिन कुछ दिन बाद उनका जमानती वॉरंट जारी हो गया। जिसे देख सीनियर सिटीजन एके शर्मा होश फाख्ता हो गए। वह उक्त वॉरंट की तामील करते हुए कोर्ट में पेश हुए। जहां संबंधित जज के समक्ष हुई पेशी में उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका मिला।
जज ने चालान के दस्तावेजों और अश्वनी कुमार शर्मा दस्तावेजों को जांचने के बाद फौरन मामले का निरस्त करने के निर्देश जारी किए। जिसके बाद पूर्व प्रिंसीपल को राहत प्रदान की जा सकी। उन्होंने अदालत द्वारा मामले को निरस्त किए जाने का स्वागत करते हुए कहा कि देश की न्यायपालिका ने उन्हें इंसाफ दिया है। लेकिन पुलिस की कार्यप्रणाली से आहत हुए हैं। जिसके चलते वह पुलिस के खिलाफ अदालत का दरबाजा खटखटाने का मन बना रहे हैं।