2010 में धारा 118 का उल्लंघन करके गैर हिमाचलियों को जमीन देने के मामले में तत्कालीन प्रधान सचिव राजस्व पी मित्रा आज राज्य सतर्कता एवम भर्ष्टाचार रोधी ब्यूरो में पेश हुए । जंहा पर अधिकारियों मित्र से पूछताछ चल रही है ।वर्तमान में पी मित्रा राज्य चुनाव आयुक्त है। मित्रा पर आरोप है कि उन्होंने नियमों के खिलाफ जाकर गैर हिमाचलियों को हिमाचल में जमीन दी थी और उसके बदले काफी पैसे की मांग की थी।
प्रदेश विजिलैंस ब्यूरो ने प्रदेश के राज्य चुनाव आयुक्त पार्थसारथी मित्रा को भ्रष्टाचार से जुड़े एक मामले में पूछताछ के लिए सोमवार को विजिलैंस ब्यूरो मुख्यालय आने के लिए नोटिस जारी किया था। नोटिस में कहा गया था कि वह वर्ष 2010 में धारा-118 के तहत बाहरी राज्यों के लोगों को जमीन देने में हुए कथित भ्रष्टाचार के मामले में ब्यूरो में पेश होकर अपने बयान दर्ज कराएं। पी. मित्रा उस दौरान प्रधान सचिव राजस्व के पद पर तैनात थे। ब्यूरो के इस कदम के बाद पी. मित्रा समेत करीब डेढ़ दर्जन पूर्व और वर्तमान अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ सकती है।
वर्ष 2010 में पी. मित्रा के प्रधान सचिव राजस्व रहने के दौरान एक ही साल के अंदर करीब 250 से ज्यादा लोगों को धारा-118 के तहत मंजूरी दे दी गई। ब्यूरो ने मामला दर्ज किया लेकिन किन्हीं कारणों से क्लोजर रिपोर्ट कोर्ट को सौंप दी गई। धारा-118 के तहत मंजूरी देने के एवज में घूस लेने के कथित मामले में विजिलैंस ब्यूरो की ओर से दाखिल क्लोजर रिपोर्ट इसी साल 25 मई को कोर्ट ने वापस कर दी थी। कोर्ट ने जांच अधिकारियों के खिलाफ कड़ी टिप्पणी भी की थी। कोर्ट की फटकार के बाद ब्यूरो ने नए सिरे से जांच शुरू की, जिसके बाद अब तक 2 दर्जन लोगों के बयान लिए जा चुके हैं। जांच में लाई डिटैक्टर टैस्ट के लिए अब तक डेढ़ दर्जन को नोटिस जारी किए गए हैं।