सिविल अस्पताल घुमारवीं में डॉक्टरों के खाली पदों को लेकर गुरूवार को कांग्रेस के पूर्व विधायक राजेश धर्माणी के नेतृत्व में लोगों ने अस्पताल परिसर में धरना प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकों की कमी होने के कारण लोगों को इलाज के लिए मजबूरन निजी अस्पतालों में महंगे दामों में इलाज करवाना पड़ रहा हैं।
पूर्व विधायक ने कहा कि बीजेपी की सरकार बनते ही यहां से 4 डॉक्टरों के तबादले कर दिए गए, जिससे कि मरीज़ों को बहुत समस्या हो रही है। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है क़ि यदि 15 दिनों के भीतर पूरे घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र में डॉक्टरों के सभी पद भरे जाएं, नहीं तो जनता के हित में शिमला-हमीरपुर नेशनल हाइवे पर चक्का जाम करने से गुरेज नहीं किया जाएगा।
पूर्व विधायक ने कहा कि हजारों लोगों की सेहत का जिम्मा संभालने वाले घुमारवीं अस्पताल सहित सीएचसी भराड़ी और हटवाड़ में भी यही हाल है। यहां एक भी चिकित्सक नहीं है। इसका खामियाजा अस्पतालों में उपचार के लिए आने वाले मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। प्रदेश में नई सरकार के गठन के बाद स्वास्थ्य सेवाओं में बेहतरी की उम्मीद बंधी थी लेकिन, हालात बद से बदतर होकर रह गए हैं।