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पूर्व-सैनिकों के पेंशन संबंधी मामलों का प्राथमिकता के आधार पर किया जाए निपटाराः राज्यपाल

समाचार फर्स्ट डेस्क |

राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि पूर्व-सैनिकों की पेंशन संबंधी शिकायतों को व्यावहारिक तरीके से हल किया जाना चाहिए ताकि सैनिकों का मनोबल ऊंचा बना रहे। उन्होंने यह बात आज सिरमौर जिला के पावंटा साहिब में आयोजित 170वीं रक्षा पेंशन अदालत के मौके पर कही। कलराज मिश्र ने कहा कि देशभर में 31 लाख से अधिक पेंशनर विभिन्न पेंशन वितरण एजेंसियों के माध्यम से पेंशन ले रहे हैं और हर साल लगभग 85 हजार पेंशनर और जुड़ रहे हैं। उन्हांने कहा कि वर्ष 2019-2020 के लिए रक्षा पेंशन बजट 1,12,079.57 करोड़ रुपये है, जो भारत सरकार के कुल पेंशन बजट का 60 प्रतिशत है।

उन्होंने कहा कि लगभग 60 हजार शिकायतें पेंशन अदालत में आई है, जिनमें से 99 प्रतिशत मामलों का निपटारा किया जा चुका है। हिमाचल प्रदेश में पूर्व सैनिकों की आबादी लगभग 1,47,963 है। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड वीर बहादुरों की भूमि है और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद भी युवाओं में सेना में सेवा करने का आकर्षण बढ़ा है, जो खुशी की बात है। राज्यपाल ने कहा कि देश अपने सभी बहादुर सैनिकों को हमेशा याद रखेगा, जिन्होंने मातृ भूमि की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। देश उन वीर नारियों और परिवारों का भी ऋणी है, जिन्होंने देश के लिए अपनों को खोया है। राज्य सरकार पूर्व-सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। राज्यपाल ने कहा कि रक्षा पेंशन अदालत पूर्व-सैनिकों तक पहुंचने के लिए एक अच्छा प्रयास है, जिसका उद्देश्य विशेष रूप से उनकी पेंशन संबंधी शिकायतों का घर के नजदीक समाधान करना है।

इस मौके पर आईडीएएस, सीजीडीए संजीव मित्तल ने कहा कि रक्षा पेंशन अदालत का उद्देश्य पेंशन संबंधी शिकायतों का निवारण और इससे जुड़े अधिकारियों, रक्षा पेंशनरों को नए सरकारी आदेशों को लेकर शिक्षित करना है। जीओसी मेजर जनरल संजीव चौधरी ने कहा कि यह पेंशन से संबंधित शिकायतों का समाधान प्रभावी ढंग से करना और पूर्व-सैनिकों के कल्याण के लिए सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देने का मंच है। उन्होंने नियंत्रक जनरल डिफेंस अकाउंट की इस पेंशन अदालत का आयोजन करने के लिए सराहना की।  

एडीजी, एएचक्यू, नई दिल्ली विभा सूद ने कहा कि वीर नारियों के लिए पेंशन संबंधी समस्याओं का समाधान करने के लिए यह अच्छा मौका है। ब्रिगेडियर सुरेश वर्मा (सेवानिवृत), निदेशक, सैनिक कल्याण ने कहा कि राज्य सरकार ने पूर्व-सैनिकों के लिए 15 प्रतिशत सीटें आरक्षित की हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व-सैनिक पेंशनर अपने रिकॉर्ड को सही रखें ताकि पेंशन लेने में उन्हें कोई परेशानी न उठानी पड़े। विश्वजीत सहाय, आईडीएएस, पीसीडीए (पेंशन), इलाहाबाद ने कहा कि पीसीडीए (पेंशन) इलाहाबाद ने पेंशनरों की सुविधा के लिए पेंशन कॉल सेंटर की सुविधा शुरू की है और कोई भी रक्षा पेंशनर टोल फ्री नम्बर 1800-180-5325 पर कॉल कर अपनी शिकायत का तुरंत समाधान करवा सकता है।