जिला ऊना के क्षेत्रीय अस्पताल में पहुंचे मृतक युवक के परिजनों में गुरमेल के मामा सुखदेव ने बताया कि उनके बेटे अमरीक सिंह की तबियत सुबह एकाएक बिगड़ गई थी। जिस पर माता पिता सहित हम सब क्षेत्रीय अस्पताल ऊना लेकर आ गए। जहां पर इमरजेंसी में उसे भर्ती कराया गया और तैनात स्टाफ ने गंभीर हालत से जूझ रहे अमरीक का इलाज किया। परिजनों का आरोप है कि उनके बेटे को इमरजेंसी से यह कह कर अस्पताल के 516 मेडिकल वार्ड में भेज दिया कि अब इसकी हालत ठीक है। जब मेडिकल वार्ड में उसे दाखिल किया गया तो अमरीक सिंह बेसुध था।
वार्ड में राउंड पर आए डॉक्टर ने भी उसे चेकअप करते हुए यह कहा कि इसे नींद का इंजेक्शन दिया हुआ है थोड़े समय बाद उठ जाएगा। लेकिन काफी समय बाद देखा तो अमरीक की मौत हो चुकी थी। जोकि अस्पताल की लापरवाही से ही हुई है। अन्यथा जब अमरीक की हालत इतनी ज्यादा खराब थी तो उसे स्थानीय डॉक्टर स्टाफ ने पीजीआई क्यों नहीं रेफर किया। हो न हो अस्पताल की लापरवाही से ही अमरीक की जान गई है। वहीं, मौके पर पुलिस को बुलया गया और पुलिस के मौके को जांचा। थाना प्रभारी गौरव भारद्वाज ने कहा कि शिकायत दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।