किसान आंदोलन को लेकर बीजेपी के वरिष्ठ नेता शांता कुमार ने एक बार फिर प्रतिक्रिया दी है। शांता ने कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि लंबी बातचीत, मंत्रियों और प्रधानंत्री के आश्वासन के बाद भी किसान आंदोलन और तेज होता जा रहा है। आंदोलन का आगला दौर नाजुक मोड़ पर पहुंच गया है। उन्होंने सरकार और किसान नेताओं से आग्रह किया है कि बहुत अधिक सावधानी रखी जाए। कुछ गलत तत्व भी आंदोलन में शामिल हो गए हैं। कुछ संदिग्ध एनजीओ परोक्ष रूप से करोड़ों की सहायता कर रहे हैं।
शांता ने कहा कि आंदोलन का नेतृत्व खेत में काम करने वाले किसान के हाथ में नहीं है। लगभग सभी नेता किन्हीं निहित स्वार्थों के कारण आंदोलन को हवा दे रहे हैं। मुख्य रूप से आंदोलन पंजाब के नेताओं द्वारा चलाया जा रहा है। पंजाब में अनाज की पैदावार भी बहुत अधिक होती है और खाद्य निगम इतना अधिक अनाज खरीदती है कि उसके टैक्स और कमिशन का प्रतिवर्ष पांच हजार करोड़ रूपये से अधिक धन बनता है। नये कानून से किसान अपनी उपज कहीं और भी बेच सकेगा। यह आये कम हो जाएगी। यही कारण है कि पंजाब के बिचौलिये और आढ़ती करोड़ों रूपये के कंबल, रजाईयां और अनाज धरने पर बैठे लोगों को दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि एक चैनल के समाचार अनुसार एक अंतरराष्ट्रीय एनजीओ एक बड़ा पंडाल लगाकर करोड़ों रूपये का सामान दे रहा है । उसके बड़े तम्बू पर जिस नेता की फोटो है वह अतंकवाद के समय एक हवाई जहाज के अपहरण में दोषी था पकड़ा नहीं गया। विदेश में रह कर देश विरोधी गतिविधियां कर रहा है। यदि ऐसे समाचार सच्च हैं तो देश को सावधान होने की जरूरत है। शांता ने कहा कि कुछ दिन पहले ही शाहीन बाग में 100 दिन धरना चला था। फिर एक नाजुक दौर आया। दंगे करवायें गये थे और 50 बेगुनाह लोगों की हत्या हो गई थी। किसान आंदोलन भी अब धीरे धीरे उसी आंदोलन का रूप लेता जा रहा है।