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एक बार फिर से आंदोलन की राह पर शिमला के बागवान, सरकार को दी चेतावनी

पी. चंद |

किसान संघर्ष समिति की बैठक आज नारकंडा में आयोजित की गई। इसमे विभिन्न ब्लॉकों से लगभग 200 किसानों ने भाग लिया। बैठक में किसानों- बागवानों के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। इसमें बागवानों की विभिन्न मण्डियों में बागवानों के फसलों के बकाया भुगतान के बारे में विशेष रूप से चर्चा की गई।

ठियोग और बाघी के 11 बागवानों द्वारा जो आढ़तियों से बकाया भुगतान के लिए FIR दर्ज की गई थी उसमें 24 लाख रुपये की कुल राशी से 18 लाख रुपये का भुगतान वसूल कर ली गई है। यह सब बागवानों की संगठित हस्तक्षेप से संभव ही हो पाया। बकाया 8 लाख रुपये के लिये भी दबाव बनाया जा रहा है जिसके चलते एक आढ़ती अभी भी जेल में हैं और जमानत हासिल नहीं कर पाया हैं।

किसानों ने मांग की है कि बागवानों द्वारा दोषी आढ़तियों के विरुद्ध की गई FIR पर सरकार तुरन्त कार्यवाही करें और एपीएमसी को दिशा निर्देश जारी करे कि जिन बागवानों की आढ़तियों से बकाया भुगतान तुरंत दिलवाया जाए। वहीं, भविष्य में प्रत्येक मंडी में एपीएमसी कानून, 2005 के प्रावधानों को तुरंत लागू करे ताकि आढ़तियों द्वारा इन मण्डियों में किसानों का शोषण रोका जाए। यदि सरकार समय रहते क़दम नहीं उठाती है तो किसान संघर्ष समिति सरकार के विरुद्ध भी आंदोलन चलाएगी।
       
बैठक में तय किया गया कि एपीएमसी के पास जितने बागवानों के द्वारा बकाया भुगतान की शिकायतें की गई है उन पर एपीएमसी कोई कार्यवाही नहीं कर रहीं है। अब तक एपीएमसी को दोषी आढ़तियों के विरुद्ध मुकदमा दायर कर वसूली करने के लिए कार्यवाही करनी चाहिए थी परंतु नहीं की। इससे एपीएमसी की दोषी आढ़तियों से मिली भगत स्पष्ट होती है। क्योंकि अगर बागवान स्वंय FIR कर अपना पैसा हासिल कर सकते है तो एपीएमसी बागवानों का पैसा क्यों नहीं वसूल करवा सकती हैं।

22 अप्रैल को 'किसान संघर्ष समिति' करेगी महाधरना

 इस बैठक में ये निर्णय लिया गया कि आने वाली 22 अप्रैल को 'किसान संघर्ष समिति' एपीएमसी शिमला के कार्यालय पर एक महाधरने का आयोजन करेगा। ये धरना आढ़तियों द्वारा सेब उत्पादकों को उनके सेब की बिक्री का पैसा समय पर नही मिलने व कई वर्ष बीतने के बाद भी नही देने पर एपीएमसी के नकारात्मक रवैये के विरोध में किया जाएगा।

एक लंबी चर्चा के बाद सामने आया कि इलाके के किसानों का करोड़ों रूपये एपीएमसी के नकारात्मक रवैये के चलते आढ़ती डकार गए है। जिसके खिलाफ किसानों व बागवानों में कड़ा रोष है । इसी सब को देखते हुए किसान संघर्ष समिति का गठन, किसान संगठनों, सेब उत्पादकों के द्वारा किया गया। किसानों के भारी दबाव के चलते आढ़तियों द्वारा की गई हेरा-फेरी के विरोध में किसान संघर्ष समिति में शामिल किसानों ने इस भुगतान के लिए FIR दर्ज करवाई।

सीपीएम विधायक ने इसे उठाया था मामला

किसान नेता औऱ ठियोग से सीपीएम विधायक राकेश सिंघा ने इसे उठाया था। विधानसभा में भी सरकार ने झूठे तथ्य पेश कर जवाब दिया गया जिससे सरकार की किसानों के प्रति मंशा पर प्रश्नचिन्ह लगाती हैं। आगामी दिनों में किसान संघर्ष समिति प्रत्येक ब्लॉक व तहसील स्तर पर किसान संघर्ष समिति की बैठक कर गठन करेगी। इसमें 24 मार्च को कोटखाई गुम्मा में बैठक का आयोजन किया जाएगा। इसके बाद लगातार, 2 अप्रैल को ठियोग, 3 अप्रैल ननखड़ी, 7 अप्रैल को जुब्बल, 8 अप्रैल को टिककर, 9 अप्रैल को रोहड़ू, 10 अप्रैल को नारकण्डा, 12 अप्रैल को रामपुर, 15 अप्रैल को आनी व 18 अप्रैल को निरमंड में किसान बागवानों की बैठक का आयोजन किया जाएगा।