केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान (सीपीआरआई) शिमला ने शोध के बाद निमेटोड का तोड़ निकाल लिया है. अब हिमाचल प्रदेश समेत पहाड़ी राज्यों उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर राज्यों में हिमालिनी, गिरधारी, ज्योति और करन जैसी किस्मों के आलू बीज का संकट नहीं होगा। केंद्र सरकार ने भी छ साल बाद आलू के बीज को मंजूरी दे दी है।
संस्थान के निदेशक ने बताया कि आईसीएआर-केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान, शिमला, राष्ट्रीय स्तर पर एक मात्र संस्थान हैं। संस्थान के कुफरी-फागू फार्म पर उत्पादित ब्रीडर बीज पर्वतीय राज्यों को मुहैया करवाए जाते हैं। इस बीज को आगे चल कर सभी राज्यों को सप्लाई किया जाता हैं।