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कृपाल परमार ने दिया उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा, सरकार और संगठन की प्रताड़ना से परेशान

मृत्युंजय पुरी |

हिमाचल प्रदेश में उपचुनावों के बाद लगातार भाजपा की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। एक ओर हार पर मंथन के साथ बैठकों का दौर शुरू होने को है तो दूसरी तरफ पार्टी में अंदरखाने कई नेता नाराज चल रहे हैं। इसी कड़ी में उपचुनाव में अनदेखी होने के बाद फतेहपुर से भाजपा के उपाध्यक्ष कृपाल परमार ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।

उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में भी इसकी पुष्टि की है। कृपाल ने लिखा है कि मैं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप को अपना इस्तीफा भेज रहा हूं। कृपया इसे स्वीकार करें। इसके कारण क्या रहे वे अलग पत्र में इसका विवरण भेजेंगे।

इस संबंध में समाचार फर्स्ट ने कृपाल परमार से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि 4 साल से लगातार पार्टी और सरकार द्वारा अनदेखी व प्रताड़ित किया जा रहा था। इसकी वजह से मैं आहत था। पार्टी में विरिष्ठ नेताओं को नजरअंदाज करने की परंपरा शुरू हो गई है जो बहुत गलत है। मैंने इसकी शिकायत हाईकमान से भी की है। मैं पार्टी का सच्चा सिपाही हूं और पार्टी छोड़ कर कभी नहीं जाऊंगा, लेकिन सरकार और संगठन की प्रताड़ना से परेशान होकर मैंने अपने पद से इस्तीफा दिया है।

आपको बता दें कि फतेहपुर उपचुनावों में टिकट न मिलने से कृपाल परमार नाराज चल रहे थे। उन्होंने उपचुनावों के दौरान पार्टी प्रत्याशी के लिए प्रचार तक नहीं किया था। माना तो ये भी जा रहा था कि यहां कृपाल परमार समर्थकों ने भी पार्टी से अलग होकर काम किया है। वहीं, उस वक्त बेशक सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए मुख्यमंत्री भी उन्हें अपने साथ ले गए थे, लेकिन नाराजगी शायद अभी तक ख़त्म नहीं हुई।

वहीं, कल 24 नवंबर से हार के कारणों पर बैठकों का दौर शुरू होने वाला है। ये बैठकें 26 नवंबर तक चलेंगी जिससे पहले कृपार परमार ने पार्टी को बड़ा झटका दिया है। अगर ऐसा ही रहा तो कांगड़ा जिला में भाजपा की मुश्किलें और भी बढ़ सकती हैं।