जिला कांगड़ा के फतेहपुर में करीब चार दशक से कार्यरत तहसील फतेहपुर के अपने कार्यलय में आज दिन तक रिकार्ड रूम नहीं बन पाया है। जिस कारण राजस्व औऱ अन्य कामकाज सबंधी किसानों और अन्य लोगों के बहुमूल्य फाइलों औऱ कागजातों को मजबूरी में खुले में रखना पड़ रहा है।
बता दें करीब 4 दशक पुरानी तहसील के साथ औऱ नूरपुर तहसील का भी कुछ क्षेत्र जुड़ चुका है। इसलिये अब पहले से ज्यादा राजस्व औऱ अन्य कार्य सबंधी फाइलें तहसील कार्यलय में रखी जा रही हैं। वहीं, पहले से पड़ी तहसील की सभी अलमारियां भरी पड़ी होने कारण अब इन्हें धरती पर ही या फिर पुरानी अलमारियों पर ही रखा जा रहा है। जिस कारण जरूरी कागजातों के खराब होने का भी डर बना रहता है ।
वहीं, तहसील में रात को ड्यूटी के लिये भी कोई भी चौकीदार न होने की बजह से भी तहसील में पड़े कागजातों औऱ अन्य कीमती सामान के चोरी होने का डर भी किसानों ,अन्य लोगों के साथ -साथ तहसील में तैनात अधिकारियों ,कर्मचारियों के मन में बना रहता है। वहीं फाइलें औऱ अन्य कागजात खुले में ही रखे जाने पर नायब तहसीलदार फतेहपुर सुशील कुमार से जानना चाहा तो उन्होंने कहा तहसील में रिकार्ड रूप न होने की वजह से रिकार्ड को खुले में ही रखना पड़ रहा है। उनके फतेहपुर ज्वाईन करने से पहले अगर रिकार्ड रूम बनाये जाने की प्रक्रिया चलाई गई हो तो इस पर कुछ नहीं कहा जा सकता है। लेकिन अब मालूम करने के बाद रिकॉर्ड रूम बनाने की प्रक्रिया चलाई जाएगी।