किरतपुर नेरचौक एक्सप्रेस हाईवे का काम 2013 में शुरू हुआ था। हाइवे के काम की समय अवधि से 2 साल अधिक हो चुके हैं लेकिन, कंपनी के 45 करोड़ रुपये नेशनल हाईवे अथॉरिटी के पास फंसे होने के कारण इस रोड का काम बंद पड़ा है। हिमाचल में इस रोड के बनने से करीब 36 किलोमीटर का सफर मनाली से दिल्ली का जहां काम होगा वहीं अच्छी रोड सुविधा भी लोगों को भी मिलेगी।
हैरानी इस बात की है 2016 में इस सड़क का काम पूरा होना था जो की 2013 में शुरु हुआ था लेकिन अभी ये काम आधा ही हो पाया है। अब वित्तीय अनिमायामतों के चलते इस काम को लटका दिया गया है। बीओटी के तहत इसका काम चल रहा है जिस में 28 साल तक कंपनी ही टोल लेगी। लेकिन अब 4 साल हो चुके हैं और 1800 करोड़ का ये प्रोजेक्ट अब लम्बे समय के लिए अटक गया है।
सूत्रों की माने तो इस प्रोजेक्ट की कीमत भी अब 1800 करोड़ से बढ़कर 3400 करोड़ पहुंच चुकी है। वहीं कंपनी को अब तक 1300 करोड़ की पेमेंट हो चुकी है और काम पचास फीसदी ही हुआ है। इस काम को पूरा करने कंपनी ने आगे 40 सब कॉट्रेक्टर भी रखे थे जिनको काम आबंटित किया गया था लेकिन 45 करोड़ रुपया फंसे होने के कारण काम आगे नहीं बढ़ पा रहा है।
करीब 36 किलोमीटर का ये रोड है जिसमें 4 सुरंगें ,18 पुल बनाने हैं और बतातें चले की एक सुरंग में 2 साल पहले 3 लोग फंसकर मर गए थे और अभी भी हर मिनट में 700 लीटर पानी सुरंग के अंदर जा रहा है लेकिन काम बंद होने के कारण अब ये पानी भी सुरंग को नुक्सान कर रहा है।
कांट्रेक्टर संघ के उपाध्यक्ष अशोक ठाकुर कहते हैं एक मेमोरेंडम हमने विभाग के पास भेजा है और काम बंद होने का कारण भी पुछा है और ये भी ये भी पुछा की हमारी पेमेंट्स किस लिए नहीं हो पाए रही है। वहीं, प्रोजेक्ट डायरेक्टर कर्नल योगेश चन्दर कहते हैं की फाइनेंसियल संकट के चलते काम रुका हुआ है और सुरंग से पानी निकलने की परकारिया भी प्रभावित हुई है। मामले को जल्दी से जल्दी हल करने प्रयास कर रहें हैं ।