<p>मंडी जिला के चचोयट क्षेत्र के अंतर्गत 24 प्रभावित किसानो द्वारा अनिल अंबानी सहित रिलायंस एनर्जी लिमिटेड के 8 बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। जिनमें सेठ, एस.एस कोहली, पी.आर रॉय, वी.के चतुर्वेदी, के.रविकुमार, वी.एल. गलकार, रैना कर्णी और सात अन्य सहयोगी कम्पनियों के डायरेक्टर राम तीर्थ अग्रवाल,अलोक रॉय, लक्ष्मी नारायण मिश्रा, सागर कुमार, पीकेटीसीएल ,केईसी इंटरनेशनल, टाटा पॉवर, ज्योति स्ट्रक्चर लिमिटेड ,कलपातरू कम्पनी के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 156(3) सेक्शन के तहत गोहर थाना में एफआईआर दर्ज हुई है।</p>
<p>एफआईआर दर्ज करने के आदेश गोहर न्यायलय में याचिका की सुनवाई उपरांत वत्सला चौधरी की अदालत ने करते हुए गोहर थाना को जारी किए । जिस पर पुलिस द्वारा आई.पी.सी की धारा 120 बी 145,182, 351, 464, 420, 452, 283, 271, 341, 379, 392, 506,147,148 व एनवायरनमेंट और इंडियन फारेस्ट एक्ट 1986 की धारा 15,41,42 व भ्र्ष्टाचार निरोधक कानून की धारा 4 के तहत एफ आई आर दर्ज की गई ।</p>
<p><span style=”color:#c0392b”><strong>क्या है मामला</strong></span></p>
<p>जिला मंडी के गोहर सव डिवीजन के अंतर्गत आने वाले बहुत से गावों में बिजली की ट्रांसमिशन लाईने बिछाई गई। किसानों का आरोप है कि ट्रांसमिशन लाइन बिछाने में भारी अनियमितताएं बरती गई। यही नहीं अनिल अंबानी और अन्य सहयोगी कम्पनियों ने प्रभावित किसानों को उनके मकानों, दुकानों, जमीनों और पशुशालाओं का मुआवजा तक नहीं दिया ।</p>
<p>इस सन्दर्भ में डिप्टी कमिश्नर मंडी के पास कोई भी रिकॉर्ड ,दस्तावेज मौजूद नही है ।जमीनो के सर्कल रेट वैल्यू के हिसाब से कोई भी मूल्यांकन इत्यादि नहीं किया गया ।जो कि गंभीर लापरवाही थी। लाइनों को बिछाने में हिमाचल के चार जिलों के किसान प्रभावित हुए । जिन्हें कोई मुआवजा नहीं दिया गया है। जिस पर किसानों की शिकायतों पर वर्ष 2017 में मैजिस्ट्रेट इंक्वायरी हुई।</p>
<p>जिसकी रिपोर्ट राघव शर्मा एसडीएम गौहर द्वारा 237 (2017)को उपायुक्त मंडी के पास जमा करवा गया। जिसमें कंपनी के द्वारा टावर निर्माण के समय बरती गई अनियमितताओं व किसानों के नुकसान जिसमें मकानों, वन,कृषि विभाग व उद्यान विभाग के अंतर्गत आने वाले पेड़ों का मूल्यांकन निर्धारण नियमों के अनुरूप ना करने के बारे सभी अनियमितताओं को मजिस्ट्रेट इंक्वायरी में उल्लेख किया गया।</p>
<p>इस रिपोर्ट को उपायुक्त मंडी द्वारा हिमाचल सरकार को भेजा गया जिस पर आज दिन तक किसानो के संवैधानिक अधिकारों को लेकर कोई भी उचित हल नहीं निकाला गया है। जबकि यह सारा काम प्राइवेट कंपनी द्वारा मुनाफा कमाने के लिए किया गया था। सिराज पंचायत के लगभग 24 प्रभावित परिवारों के किसानों ने उक्त कंपनी के द्वारा बरती गई अनियमितताओं और आपराधिक षडयंत्र धोखाधड़ी वह फर्जीवाड़े के खिलाफ न्यायालय में 156 (3) के तहत शिकायत दायर की थी ।</p>
<p>जिसमें केस 246 (2019 )को वत्सला चौधरी जेएमआईसी गौहर के द्वारा अपने आदेश में में यह स्पष्ट किया गया है कि उक्त उक्त अनिल अंबानी की कंपनी सहित अन्य कॉन्ट्रैक्टर कंपनियों के द्वारा राजस्व उद्यान वन विभाग और कृषि विभाग के अंतर्गत आने वाले सभी नियमों और उप नियमों की अवहेलना करने बारे पुलिस पुलिस एफआईआर दर्ज कर छानबीन करें। साथ ही उक्त निजी कंपनियों के द्वारा किस आधार पर लोगों की जमीन से इलीगल फैलिंग जोकि बिना एसेसमेंट व अनिमिनेशन किया गया है के बारे भी विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत जांच करें।</p>
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