ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज और मत्स्य पालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा है कि मछली और इसके उत्पाद कोरोना वायरस के वाहक नहीं हैं। लोग इस बारे में आशंकित न हों और मछली तथा उसके उत्पाद ग्रहण करना पूर्णतया सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि मीडिया के विभिन्न माध्यमों से विभाग के संज्ञान में आया है कि मछली और इससे सम्बन्धित उत्पादों को ग्र्रहण करने से कोरोना विषाणु का संक्रमण मनुष्य में फैल सकता है। इस तरह के समाचारों से मत्स्य किसानों, मत्स्य उद्योग और उपभोक्ताओं में डर का माहौल पैदा हो गया है। इस भ्रामक समाचार का सीधा असर मछली और इससे सम्बन्धित उत्पादों के विक्रय पर पड़ सकता है, जिसका सीधा नुकसान मत्स्य उद्योग से जीवन उर्पाजन कर रहे किसानों पर पड़ने की संभावना है।
वीरेंद्र कंवर ने कहा कि ऐसा कोई भी शोध अभी तक प्रकाशित नहीं हुआ है कि मछली या इसके उत्पाद खाने से कोरोना वायरस फैलता है। आज ही केंद्रीय मत्स्य विभाग और सम्बन्धित मंत्रालय (पशुपालन, डेयरी एवं मत्स्य) से एडवाईजरी मिली है जिसमें इस बात को सिरे से नकारा गया है कि मछली के सेवन से कोरोना वायरस फैलता है। उन्होंने प्रदेश के लोगों का आह्वान किया है कि ऐसी अफवाहों पर ध्यान न दें और मछली और इसके उत्पादों को सामान्य स्वच्छता अपनाकर प्रयोग कर सकते हैं।
मंत्री ने कहा कि मत्स्य किसानों के अतिरिक्त कई अन्य तरह के उद्योग भी अप्रत्यक्ष रुप से मत्स्य क्षेत्र से जुड़े हैं। इसलिए मत्स्य और मत्स्य उत्पादों से सम्बन्धित कोई भी भ्रामक प्रचार सीधे तौर पर इस उद्योग से जुड़े और अजीविका कमा रहे लोगों के जीवन उर्पाजन को प्रभावित करेगा। साथ ही उपभोक्ताओं को प्रोटीन और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर उत्पाद से भी वंचित होना पडे़गा।
वीरेंद्र कंवर ने कहा कि केंद्रीय मंत्रालय कोरोना विषाणु के संक्रमण से सम्बन्धित स्थिति पर पूरे विश्व स्तर पर नज़़र रखे हुए हैं। अभी तक प्राप्त सूचनाओं के अनुसार इस विषाणु का संक्रमण मनुष्य से मनुष्य में ही हो सकता है। विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन के अनुसार भी यह संक्रमण मनुष्य से मनुष्य में ही बताया गया है। यद्यपि 2019-एनसीओवी का कोई पशु भी स्रोत हो सकता हैं लेकिन विश्व भर में कहीं भी मात्स्यिकी के माध्यम से कोरोना विषाणु संक्रमण की कोई भी रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है। पूर्व में भी इस विषाणु के माध्यम से संक्र्र्रमण हुए उनमें कहीं भी मात्स्यिकी के माध्यम से नहीं हुआ।