जिला हमीरपुर से भोटा के बीच कोहली के पास नेशनल हाइवे के लिए बनाया गया पुल उस परिवार के लिए आफत बन गया है जिनके घर के साथ यह पुल बनाया गया है। पवन कुमार का कहना है कि यहां पर इस पुल के लिए जहां डिरेक्शन दी गई थी वहां से अलग डिरेक्शन पर बना दिया है, जिससे मेरा मकान पूरा ही सड़क के बीच आ रहा है पर पुल बनने से पहले पुल की डिरेकसन पहले मेरे मकान से बाहर थी। लेकिन ज़ब पुल बन कर तैयार हुआ तो मेरे पूरे मकान को ध्वस्त करती जा रही है।
यह पुल 2006-07 मे बनाया गया था। इसके लिए पवन के पिता ने 10 मरले जगह खरीदी थी। लेकिन नेशनल हाइवे के प्रसाशन ने बिना एनओसी काम शुरू कर दिया और जमीन मालिकों को कोई भी मुआवजा दिया। अब वे कह रहे हैं कि जल्दी से मकान को खाली करो पर ये कैसे होगा जबकि मेरे पास कोई और मकान रहने के लिए भी नहीं है और न है जमीन खरीदने के लिए पैसे है। क्योंकि मे न कोई नौकरी करता हु न इनकम के कोई साधन है। उन्होंने कहा की यदि प्रसाशन जबरदसती करता है तो इससे अच्छा ये होगा मेरे गरीब परिवार को जहर देकर मार दिया जाए।
मकान मालिक पवन कुमार ने कहा मे कई बार जिला प्रसाशन का दरवाजा न्याय के लिए खटखटा चुका हूं लेकिन प्रसासन की ओर से कोई उत्तर नहीं मिलता है। नेशनल के अधिकारियों ने जिन कॉन्ट्रैक्टर को ठेका दिया है पता नहीं उनको सड़क निर्माण की सही जानकारी भी है या नहीं। इस बारे में जब उसके एक्शन जगदीश कानूगो ने कहा इसके लिए एक कमेटी गठित की गई है जो जमीन की राशि तय कर देगी जिसका अध्यक्ष अतरिक्त उपायुक्त को बनाया गया है।
वहीं, जबरदस्ती इस बारे में अतिरिक्त उपायुक्त रत्न गौतम से बात की गई तो उन्होंने भी सवालों का गोलमोल उत्तर देते हुए कहा कि जमीन का पैसा समस्त कमेटी तय करती है। इसके लिए एक बैठक हुई थी उसमें तय नहीं हो पाया था। साथ ही पैसे देने के लिए कमेटी के सभी तय करते हैं। जहां तक एनओसी देने की बात है उसकी जानकरी मुझे नहीं है वो तो नेशनल हाइवे के अधिकारी ही जानकारी दे पाएंगे।