जिला कुल्लू की लगघाटी पर्यावरणीय पर्यटन विकास समिति ने हाल ही में कुल्लू से स्थानांतरित हुए डीएफओ डॉ नीरज चड्ढा के सम्मान में बुधवार को खलाड़ानाला में एक समारोह का आयोजन किया। इस अवसर पर समिति का आभार व्यक्त करते हुए डॉ चड्ढा ने कहा कि लगघाटी में पर्यटन की काफी अच्छी संभावनाएं हैं। घाटी में घने जंगल, कई पुराने ट्रैकिंग रूट और खूबसूरत स्थल हैं औऱ वन विभाग के पुराने विश्राम गृह भी हैं।
इस घाटी को एक ईको टूरिजम स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है। जिससे स्थानीय युवाओं को घर में ही रोजगार मिल सकता है। प्रदेश सरकार वन विभाग और पर्यटन विभाग के माध्यम से लगघाटी में पर्यटन की संभावनाओं के उचित दोहन की दिशा में कार्य कर रही है। इस क्षेत्र में लगघाटी पर्यावरणीय पर्यटन विकास समिति भी अच्छा कार्य कर रही है।
इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष प्रताप ठाकुर ने कहा कि लगघाटी में पर्यटन की संभावनाओं के उचित दोहन एवं घाटी को पर्यटन मानचित्र में उभारने के लिए प्रदेश सरकार ने अच्छे संकेत दिए हैं। आने वाले दिनों में यह खूबसूरत घाटी अवश्य ही एक अच्छे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगी। उन्होंने कहा कि घाटी के खूबसूरत स्थलों और टैकिंग रूटों को चिह्नित करने औऱ वन विभाग के पुराने विश्राम गृहों के जीर्णोंद्धार की आवश्यकता है। लगघाटी पर्यावरणीय पर्यटन विकास समिति ने यह मामला प्रदेश सरकार और वन विभाग के समक्ष उठाया था।
प्रदेश सरकार ने इस दिशा में विशेष पहल की है और लगघाटी को पर्यटन विभाग की योजना ‘नई मंजिल, नई राहें’ में शामिल करने के संकेत दिए हैं। प्रताप ठाकुर ने कहा लगघाटी को ईको टूरिजम की दृष्टि से विकसित करने की दिशा में वन विभाग भी समिति का सहयोग कर रहा है। उन्होंने बताया कि डीएफओ के रूप में डॉ नीरज चड्ढा ने समिति को भरपूर सहयोग किया। डॉ चड्ढा ने घाटीवासियों को घने जंगलों, खूबसूरत स्थलों और ट्रैक रूटों के संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए प्रेरित किया। अब उनके प्रयासों के अच्छे परिणाम सामने आने लगे हैं।