पूर्व अंतरराष्ट्रीय पहलवान परशुराम अवार्डी जॉनी चौधरी हमीरपुर डिग्री कॉलेज के इंडेार स्टेडियम में पहलवानों की नई पौध तैयार करने में लगे हुए है। डिग्री कॉलेज हमीरपुर में चलाई जा रही कुश्ती अकादमी में जॉनी चौधरी नन्हें और युवा पहलवानों को कुश्ती के दांव-पेंच सिखा रहे हैं। आने वाले समय में जॉनी चौधरी की मेहनत के निसंदेह अच्छे परिणाम सामने आएंगे और इस अकादमी से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के पहलवान निकलेंगे। जॉनी चौधरी सुबह और शाम दो समय नन्हें पहलवानों को दावं पेच सिखाने में लगे रहते हैं ताकि जल्द अच्छे परिणाम सामने आएं।
जॉनी चौधरी का कहना है कि भविष्य में हमीरपुर से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी निकल कर आएं। उन्होंने कहा कि हिमाचल में बच्चों को रेसलिंग के लिए पूरी सुविधा नहीं मिल पाती थी। इसलिए धीरे-धीरे बच्चों को पूरी सुविधा देकर कोचिंग देने का काम शुरू किया है। जिसके लिए हमीरपुर डिग्री कॉलेज के इंडोर स्टेडियम में तीस से चालीस बच्चों को पहलवानी के गुर सिखाए जा रहे हैं।
कुश्ती में नाम कमा चुके जॉनी चौधरी का कहना है कि अखाडा और मेट पर कुश्ती लडने का बहुत फर्क है और अखाडै में केवल नाम ही मिलता है जबकि मेट की कुश्ती में मेडल और नौकरी मिलती है । जॉनी चौधरी ने केन्द्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से उम्मीद जताई कि खेलों के लिए बहुत अच्छी सुविधाएं दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में खेलों के लिए कितना सहयेाग मिलता है इसका इंतजार है।
वहीं, रेसलिंग सीख रहे बच्चों ने बताया कि पिछले छह महीनों से प्रेक्टिस की जा रही है और प्रेक्टिस में पहलवानी के गुर सीख रहे हैं। उन्होंने बताया कि बढ़िया से प्रेकिटस करके ओलंपिक मेडल लाने का सपने को पूरा करने के लिए लगे हुए हैं। वहीं, कोच पवन वर्मा ने रेसलर जॉनी चौधरी का कोचिंग देने के लिए आभार जताया और कहा कि जॉनी चौधरी का भी सपना है कि यहां से राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी उभर कर सामने आएं और देश का नाम रोशन करें।
गौरतलब है कि इंटरनेशनल रेसलर जॉनी चौधरी परशुराम अवार्डी के साथ साथ नेशनल गेम्स में गोल्ड मेडलिस्ट, सीनियर नेश्नल में चार बार विजेता के साथ साथ दर्जनों दंगलों में कुश्ती के विजेता बने हैं। वर्तमान में हमीरपुर आबकारी एवं काराधान विभाग में बतौर एस्सिेटेंट स्टेट टैक्स ऑफिसर के पद पर कार्यरत हैं।