- पेनलैस व ब्लडलैस तकनीक से होता है घुटना प्रत्यारोपण
- हिमकेयर के तहत हो रहा निःशुल्क उपचार
- नतीजों से खुश मरीज बोले, बेमिसाल है घुटना रिप्लेसमेंट की यह तकनीक
फोर्टिस कांगड़ा में हुई घुटना रिप्लेसमेंट सर्जरी को मरीजों ने लाजवाब करार दिया। मरीजों ने सर्जरी के दौरान हुए अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि घुटने के ऑपरेशन के बाद लगता है कि घुटनों के दर्द से ठहरी हुई जिन्दगी अब दौड़ने लगी है। फिर से बिना दर्द अपने पैरों पर चलकर कदम दर कदम आगे बढ़ाना वास्तव में अच्छा लगता है।
कांगड़ा निवासी रूकमणि देवी ने कहा कि उनके घुटनों की दर्द इतनी बढ़ गई थी कि जिन्दगी का एक- एक पल जीना भारी लग रहा था। हर छोटे काम के लिए दूसरों पर निर्भर हो गई थी। घुटनों का यह दर्द उठने, बैठने और चलने पर तो था ही, बल्कि यह दर्द सोने पर भी कम नहीं होता था, लेकिन फोर्टिस कांगड़ा की एडवांस घुटना रिप्लेसमेंट ने सब आसान कर दिया। अस्पताल में सर्जरी के अगले दिन ही चलना शुरू कर दिया और तीसरे दिन ही डिस्चार्ज करके घर भेज दिया। ऑपरेशन भी ऐसा कि न तो दर्द हुआ न ही खून चढाने की जरूरत पड़ी। वह आज बिना किसी सहारे घर का काम करती हैं। सीढ़ियां चढ़ना भी उनके के लिए आसान हो गया है।
मंडी से कष्णा देवी ने कहा कि फोर्टिस कांगड़ा की घुटना रिप्लेसमेंट सर्जरी वाकई में खास है। उन्होंने कहा कि उन्होंने पहले घुटने की सर्जरी कुछ बरस पहले किसी अन्य अस्पताल में करवाई थी, जबकि दूसरे घुटने की सर्जरी फोर्टिस कांगड़ा में करवाई। दोनों के नतीजों में जमीन आसमान का अंतर है। दूसरे अस्पताल में हुई सर्जरी के बाद वह लगातार छह महीने वॉकर की सहायता से चले, लेकिन फोर्टिस की सर्जरी में तीसरे दिन ही सामान्य जीवन शुरू हो गया।
घुटना रिप्लेसमेंट सर्जन डॉ प्रिंस रैना एवं डॉ फैज अहमद ने कहा कि यह सर्जरी अन्य सर्जरियों की तुलना में काफी सुरक्षित है, साथ ही यह सर्जरी पेनलैस एवं ब्लडलैस होने के चलते काफी सुविधाजनक है और इस तकनीक के तहत पिछले छह महीनों में फोर्टिस में लगभग सौ से अधिक घुटनों को बदला जा चुका है। उन्होंने कहा कि फोर्टिस कांगड़ा क्षेत्रवासियों दुनिया की नवीनतम व बेहतरीन तकनीक से उपचार करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। डॉ फैज ने कहा कि ऑर्थो विभाग में हिमकेयर के तहत निःशुल्क सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।