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फोर्टिस कांगड़ा ने दिलाई ब्रेस्ट कैंसर से राहत, डॉ. नासिर ने अपने हुनर से मरीज को दी नई जिंदगी

समाचार फर्स्ट डेस्क |

पिछले कई अरसे से सुषमा देवी उहपोह की स्थिति में थीं। ब्रेस्ट की गिल्टियां उसे कुछ असमान्य लक्षणों का एहसास करवा रही थीं। लक्षणों पर गौर करने पर उसे कई बार कैंसर होने का आभास होने लगता, तो जीवन में निराशा के बादल छाने लग जाते। एक बार हिम्मत जुटाकर एक बड़े अस्पताल में चैकअप करवाया। डायग्नोसिस टैस्ट की रिपोर्ट सामान्य आई। जिससे बेचैनी के भंवर में डोल रहे मन को कुछ शांति जरूर मिली, लेकिन कशमकश बरकरार थी। लगातार उपचार करवाने के बावजूद गिल्टियों में सुधार नहीं हो रहा था। करीब एक वर्ष तक उपचार लेने के बाद सुषमा देवी ने फोर्टिस कांगड़ा का रूख किया।

फोर्टिस अस्पताल कांगड़ा के जनरल व लैप्रोस्कॉपिक सर्जन डॉ. नासिर अहमद भट्ट ने मरीज की प्रारंभिक हिस्ट्री जानी, तो पता चला कि करीब एक साल पहले मरीज की अन्य अस्पताल में इन्हीं गिल्टियों को लेकर उपचार चल रहा था। उस समय वहां पर मरीज का बायोप्सी टैस्ट हुआ था, जो कि नेगेटिव पाया गया था। एक साल तक मरीज इस समस्या से जूझती रही।

डॉ. नासिर ने मरीज का फिर से बायोप्सी टैस्ट किया और रिपोर्ट भी पॉजीटिव आई। जिससे यह पता भी चला कि मरीज ब्रेस्ट कैंसर से प्रभावित है। अब मरीज का उपचार मात्र सर्जरी द्वारा ही संभव था। डाॅ नासिर ने उन्हें जल्द से जल्द सर्जरी करवाने की सलाह दी। इसके पश्चात डॉ. नासिर ने बड़े ही सधे तरीके से मरीज की ब्रेस्ट सर्जरी की। अब मरीज पूरी तरह स्वस्थ व कैंसर के चंगुल से बाहर है।

ब्रेस्ट की गिल्टियों को हल्के में न लें: डॉ नासिर

डॉ. नासिर अहमद भट्ट ने कहा कि ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में तेजी से पांव पसार रहा है। उन्होंने कहा कि शीघ्र पहचान व उपचार करवाने पर इसे पूरी तरह से निजात पाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि ब्रेस्ट की गांठ व गिल्टी को हल्के में नहीं लेना चाहिए। उन्होंने महिलाओं को सेल्फ ब्रेस्ट एग्जामिनेशन करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की गांठ की स्थिति में काबिल डाॅक्टर से परामर्श लेना चाहिए।