हिमाचल प्रदेश के सोलन जिला में पतंजलि संस्थान को आख़िरकार जगह वापस मिल ही गई। 1 साल के लंबे अंतराल के बाद इस ज़मीन की बहाली हो पाई है औऱ मंगलवार को इसके निरिक्षण के लिए संस्थान के सारथी आचार्य बाल कृष्ण यहां पहुंचे। उनके वहां पहुचते ही स्थानीय लोगों बेहद उत्साहित हुए और स्वामी के साथ संस्थान का दौरा किया। आचार्य बाल कृष्ण ने भी लोगों से संस्थानों को चलने के लिए भरपूर सहयोग देना का आह्वाहन किया, ताकि अधिक से अधिक लोगों को स्वरोजगार मिल सके।
याद रहे कि पतंजलि योगपीठ के संस्थापक बाबा रामदेव ने पूर्व बीजेपी सरकार से स्थानीय लोगों को हिमायल की बहुमूल्य जड़ी-बूटियां से अवगत करवाकर रोजगार दिलवाने के उद्देश्य से ली थी। लेकिन कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आते ही इस ज़मीन की लीज़ 1 रुपये के हिसाब से ख़त्म करके इसे सील करवा दिया था। इसके बाद जयराम सरकार ने सत्ता में आते ही रामदेव की ज़मीन देने की रोक को बहाल कर दिया। हालांकि उस समय से लीज़ को 1 रूपये से बढ़ाकर देने की बात मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कही थी। लेकिन अब अंदरखाते क्या बात है वे तो सरकार ही जाने।
इसके लिए विपक्ष ने भी काफी विरोध किया था औऱ रामदेव की भूमि न देने की बात कही थी। लेकिन सरकार ने इसके लिए कैबिनेट में डिसीज़न पास किया और रोजगार देने की बात का हवाला देकर विपक्ष की बोलती बंद कर दी। अब देखना है कि जब प्लांट लगता है तो यहां के लोगों को फ़ायदा या रोजगार मिलता है… या फिर ये सिर्फ हिमाचल के लोगों को भावुक कर कोई और खेल चल रहा है…???