जिला बिलासपुर के घुमारवीं बस अड्डा में लगभग 24 घण्टे 200 से 250 बसों का आना जाना लगा रहता है जिसके कारण जाम आम बात हो गई है। आम जनता की मांग पर पूर्व सरकार के परिवहन मंत्री जीएस बाली ने और राजेश धर्माणी की अध्यक्षता में 4 सितंबर 2017 में घुमारवीं बस अड्डा से वैकिल्पक सड़क का शिलान्यास किया था। लेकिन तीन साल के बाद आज तक काम शुरू नहीं किया गया। इस समस्या को लेकर स्थानीय लोगों का एक प्रतिनिधि मंडल नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष सतपाल की अध्यक्षता में जिलाधीश से मिला।
उन्होंने जिलाधीश को जानकारी देते हुए बताया कि समस्या के निदान के लिए परिवहन निगम ने द्वारा निकास द्वार के निर्माण हेतु प्रस्तावना की गई है। जिसमें लगभग 19 वीघा जमीन पुलिस विभाग से परिवहन विभाग को हस्तब्त्रित कर दी गई। इस प्रस्तावित निकास द्वार निर्माण हेतु राशि हिमाचल लोक निर्माण विभाग के पास लगभग तीन साल पहले जमा करवा दी गई है।
इसके इलावा बकाया भूमि के अधिकरण हेतु काम चला हुआ था जो नए पूल के साथ मार्ग जुड़ना था। लेकिन आचनक विभाग द्वारा इस प्रतिक्रिया को रोक दिया गया। जबकि जो भूमि मालिक पहले अधिकरण का विरोध कर रहे थे, वह भी सहमति जता रहे हैं कि अगर मार्किट मूल्य के अनुसार राशि दे दी जाए तो उनका कोई भी विरोध नहीं होगा। इस बारे में हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में कुछ लोगों ने याचिका भी डाल रखी है कि इस मार्ग का तुरन्त निर्माण किया जाए ताकि दुर्घटनाओं को रोका जाए और जाम से निजात मिल सके।
उधर, जिलाधीश राजेश्वर गोयल ने इस संदर्भ में घुमारवीं उपमण्डल अधिकारी शशिपाल शर्मा को सात दिन भीतर रिपोर्ट तलब करने को कहा है। उधर लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता मनोहर लाल शर्मा ने बताया कि परिवहन विभाग ने लोक निर्माण ने नाम जमीन नहीं करवाई है। विभाग के पास वैकल्पिक रास्ता निर्माण हेतु 15 लाख जमा है। जबतक विभाग के नाम जमीन नहीं होगी, सड़क निर्माण के लिए स्वीकृत राशि नहीं मिलती तब तक वैकलिपक सड़क का निर्माण असम्भव है।