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कटे होंठ और तालू की सर्जरी फोर्टिस कांगड़ा में फ्री, प्लास्टिक सर्जन डॉ. थुस्सू देंगे विशेष सेवाएं

मनोज धीमान |

फोर्टिस अस्पताल कांगड़ा में शरीर के कटे हुए अंगों और नसों का सफल इलाज किया जा रहा है। अस्पताल के प्लास्टिक और माइक्रोवासकुलर सर्जरी विभाग में हाथ, पैर की गहरी चोटों का, कटी हुई नसों का, यहां तक कि शरीर से पूरी तरह अलग हो गए अंगों को भी सफलतापूर्वक जोड़कर उपचार मुहैया करवाया जा रहा है। बशर्ते मरीज बिना वक्त गंवाए अस्पताल पहुंच जाए।

इसी कड़ी में अब फोर्टिस अस्पताल द्वारा स्माइल ट्रेन संस्था के सहयोग से 15 जून को  विशेष शिविर का आयोजन फोर्टिस अस्पताल कांगड़ा में किया जा रहा है। यह जानकारी फोर्टिस अस्पताल कांगड़ा के प्लास्टिक एंड कॉस्मेटिक सर्जरी विशेषज्ञ डॉ. ठाकुर थुस्सू  ने मंगलवार को धर्मशाला में प्रेसवार्ता में दी। उन्होंने कहा कि कटे होंठ व तालु वालों नार्मल नहीं समझा जाता। ऐसे बच्चों व लोगों की 3 से 4 सर्जरी करनी पड़ती है, उसके बाद ही वे नार्मल होते हैं।

डॉ. थुस्सू ने बताया कि यह जन्मजात बीमारी होती है। कई बार गर्भावस्था के दौरान देखरेख में कमी की वजह से भी यह बीमारी हो सकती है। उन्होंने बताया कि कटे होंठ व तालु वालों की सर्जरी में एक घंटे का समय लगता है और एक घंटे में ऐसे लोगों की जिंदगी बदल जाती है।

उन्होंने बताया कि भारत में अब तक ऐसे मामलों में 5 लाख से अधिक सर्जरी की जा चुकी हैं। उन्होंने बताया कि यदि नवजात में कटे होंठ या तालु की समस्या हो तो एक साल के भीतर आपरेशन जरूरी होता है, अन्यथा बाद में आपरेशन करवाने से बच्चों में तुतलेपन की शिकायत हो सकती है। उन्होंने बताया कि एक आपरेशन पर 50 हजार रुपये का खर्च होता है । उन्होंने बताया कि सरकारी योजनाओं और सुविधाओं से कई जन्मजात बीमारियों में कमी आई है।

उन्होंने कहा कि 15 जून को फोर्टिस अस्पताल कांगड़ा में स्माइल ट्रेन संस्था के सहयोग से कैंप का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें निशुल्क आपरेशन किए जाएंगे। डा. ठाकुर ने बतया कि वह अब तक 8 के लगभग कटे होंठ और तालु के ऑपरेशन कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि कैंप में जिनके आपरेशन हो चुके हैं उन्हें बुलाया जाएगा। इस अवसर पर फोर्टिस अस्पताल के निदेशक एवं प्रवक्ता भी उपस्थित थे।